Last Updated: Wednesday, October 3, 2012, 19:18
मेलबर्न/नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया ने तीन व्यवसायिक संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है जिससे 500 से अधिक भारतीय छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। इधर, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त पीटर वर्गीज ने भरोसा दिलाया कि इन संस्थानों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी।
वह ऑस्ट्रेलिया के व्यवसायिक शिक्षा नियामक ‘आस्ट्रेलियन स्किल्स क्वालिटी अथारिटी’(आसका) की ओर से विक्टोरिया में दो और न्यू साउथ वेल्स में एक व्यवसायिक संस्थान के बंद करने के फैसले पर टिप्पणी कर रहे थे। इन संस्थानों को प्रशिक्षण मानकों को पूरा नहीं करने के कारण बंद करने का फैसला किया गया है।
आसका के मुख्य आयुक्त क्रिस राबिन्सन ने कहा, किसी प्रशिक्षण संस्थान के पंजीकरण को रद्द करने का फैसला हम आसानी से नहीं लेते, लेकिन छात्रों के हित और प्रशिक्षण मानकों को कायम रखना महत्वपूर्ण है।
राबिन्सन ने कहा, संस्थानों के पास आसका के फैसले पर पुनर्विचार कराने का अधिकार है और ऐसे में फैसले के कार्यान्वयन में देर हो सकती है अथवा फैसला बदल भी सकता है। अपील के नतीजों के आधार पर कोई भी फैसला 30 अक्तूबर से लागू होगा। इनमें से दो संस्थान ‘एशमार्क ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘जी प्लस जी-ग्लोबल ट्रैडिंग प्राइवेट लिमिटेड’ विक्टोरिया के मेलबर्न में है। एनएसडब्ल्यू में ‘आईवी ग्रुप’ नामक संस्थान है।
मेलबर्न के दोनों संस्थानों में 500 से अधिक भारतीय छात्र हैं, जबकि एनएसडब्ल्यू के संस्थान में करीब 30 भारतीय छात्र हैं। वर्गीज ने दिल्ली में कहा कि ऑस्ट्रेलिया में इन संस्थानों के बंद होने से प्रभावित होने वाले भारतीय छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी और इससे जुड़ा एक कानून भी है जिसका नाम ‘एजुकेशन सर्विसेज फार ओवरसीज स्टूडेंट्स एक्ट-2000’ है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 3, 2012, 19:18