ओबामा भारत विरोधी हैं: रोमनी

ओबामा भारत विरोधी हैं: रोमनी

ओबामा भारत विरोधी हैं: रोमनी जैक्सन (अमेरिका): भारत को रोजगारों की आउटसोर्सिंग और आईटी कंपनियों के लिए कार्य वीजा (वर्क वीजा) पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के रूख का हवाला देते हुए एक अग्रणी भारतीय अमेरिकी रिपब्लिकन ने कहा कि मजबूत भारत अमेरिका संबंधों के लिए मिट रोमनी बेहतर राष्ट्रपति होंगे।

रिपब्लिकन नेशनल कन्वेन्शन के लिए तीन भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधियों में से एक और मिसीसिपी राज्य में अधिकतम चंदा एकत्र करने वाले डॉ सम्पत शिवांगी ने कहा कि डेमोक्रेट्स की छवि भारत के मित्र की है लेकिन यह एक भ्रम है।

इंडियन अमेरिकन फोरम फॉर पॉलिटिकल एजुकेशन (आईएएफपीई) के अध्यक्ष शिवांगी ने प्रेस ट्रस्ट से कहा कि ओबामा ने बिना किसी हिचकिचाहट के खुल कर भारत को आउटसोर्सिंग की आलोचना की है। ऐसे में दोनों देशों के रिश्तों का भविष्य तब ही सुरक्षित होगा जब व्हाइट हाउस में कोई रिपब्लिकन आए।

उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय मूल के अधिकतर अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी और खास कर ओबामा के समर्थक हैं लेकिन दूसरी तथा तीसरी पीढ़ी के भारतीयों के बीच चलन बदल रहा है। शिवांगी ने कहा ‘60 से 70 साल की उम्र के हममें से कुछ लोगों की तरह वह लोग लंबे समय तक समाजवाद और नेहरूवाद को लेकर नहीं चलने वाले हैं।

शिवांगी ने कहा ‘राष्ट्रपति ओबामा भारत को रोजगारों की आउटसोर्सिंग और आईटी कंपनियों के लिए भारत से कार्य वीजा के धुर आलोचक हैं। यह केवल भ्रम है कि डेमोक्रेट भारत के प्रति दोस्ताना रवैया रखते हैं।’

उन्होंने कहा ‘आउटसोर्सिंग को लेकर भारत के खिलाफ राष्ट्रपति ओबामा के रवैये ने बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के मन में उनकी छवि बदल कर रख दी है। टेलीविजन पर उन्होंने अमेरिका में बेरोजगारी की समस्या कह कर भारत को एक तरह से नकार ही दिया।’

शिवांगी ने राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन दावेदार रोमनी के लिए मिसीसिपी में 17 लाख डॉलर का चंदा एकत्र करने में मदद की। राज्य में चंदे की यह सर्वाधिक राशि है। इससे पहले शिवांगी ने ही तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के लिए 12 लाख डॉलर की राशि एकत्र की थी। (एजेंसी)


First Published: Monday, October 15, 2012, 15:28

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