Last Updated: Thursday, August 30, 2012, 10:59

वाशिंगटन : पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमेरिकी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की घटना के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है। इसमें कहा गया है कि ओसामा को उसके कमरे में नहीं, बल्कि उस वक्त गोली मारी गई थी जब अपने शयनकक्ष से बाहर की ओर झांक रहा था तथा उसके बचाव के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी।
अमेरिकी नौसेना की विशेष इकाई सील के पूर्व कर्मी मार्क बिसोनेट की पुस्तक ‘नो इजी डे: द फस्टहैंड अकाउंट ऑफ द मिशन दैट किल्ड ओसामा बिन लादेन’ में ऐबटाबाद की कार्रवाई के कुछ घंटों को लेकर नए तथ्य दिए गए हैं। बिसोनेट ने ऐबटाबाद कार्रवाई पर आधारित यह पुस्तक मार्क ओवेन के छद्म नाम से लिखी है। वह ऐबटाबाद में कार्रवाई करने वाले सील के दल में शामिल थे।
एक ब्रिटिश समाचार पत्र के अनुसार इस पुस्तक में कहा गया है कि ओसामा उपरी मंजिल पर मौजूद अपने कमरे से बाहर की ओर देख रहा था उसी वक्त सील के जवान ने उसे गोली मार दी। ओवेन लिखते हैं कि पूरा मिशन कई मामलों में उस कहानी से जुदा है, जो अब तक पूरी दुनिया को बताई गई है।
उनका कहना है कि हम चंद कदमों में ही उपरी मंजिल पर पहुंचे थे। उसी समय मैंने गोलीबारी की आवाज सुनी। मैं यह पता नहीं कर सका कि इस गोलीबारी में लक्ष्य को भेदा गया अथवा नहीं। वह व्यक्ति कुछ पलों के लिए अंधेरे में गायब हो गया।
अब तक यही कहा जाता रहा है कि ओसामा हथियारों से लैश था और उसने प्रतिरोध किया था, हालांकि इस नयी पुस्तक में कहा गया है कि अलकायदा सरगना उस वक्त आखिरी सांसें ले रहा था जब अमेरिकी सुरक्षा कर्मी उसके कमरे में दाखिल हुए। ओवेन ने कहा कि ओसाम लेटा पड़ा था और कमांडो ने उस पर कई गोलियां बरसाईं।
पुस्तक में कहा गया है कि ओसामा ने सफेद टी-शर्ट, पैंट पहन रखी थी। ओसामा के शव के तस्वीर लेते समय कमरे से दो बंदूकें मिलीं, लेकिन वो लोडेड नहीं थीं। ओवेन कहते हैं कि ओसामा तो अपने बचाव के लिए भी तैयार नहीं था। उसका लड़ने का कोई इरादा नहीं था। उसने हथियार भी नहीं उठाया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 30, 2012, 10:53