Last Updated: Tuesday, October 16, 2012, 21:23
टोरंटो : एयर इंडिया के विमान ‘कनिष्क’ में हुए विस्फोट के सिलसिले में झूठी गवाही देने के एक दोषी ने कनाडा के उच्चतम न्यायालय में इस सजा को चुनौती दी है।
विमान में हुए वर्ष 1985 में विस्फोट में 329 लोगों की मौत हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि झूठी गवाही के मामले में कनाडा के इतिहास में यह सबसे लंबी सजा है।
‘द ग्लोबल एण्ड मेल’ की मंगलवार की खबर के मुताबिक, इन्द्रजीत सिंह रेयात ने इस मामले में स्वयं अपना दोष स्वीकार किया था। उसे सितंबर 2010 में झूठी गवाही के मामले में दोषी करार दिया गया और बाद में नौ वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई।
रेयात ने उच्चतम न्यायालय में सोमवार को अपील दायर की है।
रेयात को 23 जून 1985 में विमान में हुए इस विस्फोट के मामले में वर्ष 2003 में रिपुदमन सिंह मलिक और अजायब सिंह बागरी पर चल रहे नरसंहार और साजिश के मुकदमे के दौरान 19 बार झूठ बोलने का आरोपी बनाया गया।
इस विस्फोट में मारे गए ज्यादातर यात्री कनाडा के नागरिक थे ।
इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए रेयात के वकील और अभियोजक दोनों में से किसी से संपर्क नहीं हो पाया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 16, 2012, 20:48