Last Updated: Tuesday, July 31, 2012, 17:02
बीजिंग : विश्व की सबसे बड़ी 28 लाख की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का हिस्सा बनी रहेगी और साथ ही इसे पार्टी से अलग करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी।
पीएलए के जनरल पोलिटिकल डिपार्टमेंट के एक अधिकारी वांग योंगशेंग ने यहां मीडिया को बताया कि देश सेना को राजनीतिक दल से अलग किए जाने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करेगा।
सरकारी संवाद समिति शिन्हवा ने वांग के हवाले से बताया, पीएलए की स्थापना सीपीसी द्वारा की गयी है और यह इसी की कमान में रही है । यही इसका मूल सिद्धांत है। वांग ने कहा कि अन्य देशों में कुछ लोग चीन की सैन्य व्यवस्था का विरोध करते हैं ।
उन्होंने कहा कि इसी आलोचना के चलते अजीबोगरीब किस्म के सुझाव दिए जाते हैं जिनमें यह भी कहा जाता है कि सेना को राजनीति से अलग किया जाना चाहिए या सेना का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 31, 2012, 17:02