कर चोरी पर जी-20 कसे लगाम : मनमोहन - Zee News हिंदी

कर चोरी पर जी-20 कसे लगाम : मनमोहन

कान : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चेतावनी के लहजे में कहा कि कर चोरी और धन का गैरकानूनी प्रवाह एक बड़ी समस्या बन चुका है, ऐसे में जी-20 को इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कड़ा संदेश देना चाहिए।

 

भारत में विपक्ष ने भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा काले धन के मसले को लेकर सरकार पर हमला बोला हुआ है। ऐसे में सिंह ने दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से कहा कि उन्हें कर संबंधी सूचनाओं के स्वैच्छिक आदान प्रदान पर नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए।

 

जी-20 शिखर बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जी-20 को इस तरह की गतिविधियों पर लगाम के लिए कड़ा संदेश देना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘जी-20 देशों को स्वैच्छिक रूप से सूचनाओं के आदान-प्रदान पर सहमति बनाते हुए एक अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। इस तरह की सूचनाओं का आदान-प्रदान किसी तरह के कृत्रिम कारणों मसलन पूर्व या वर्तमान, कर चोरी या कर धोखाधड़ी.. किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। लंदन शिखर सम्मेलन की भावनाओं के अनुरूप इसे किया जाना चाहिए। लंदन में यह भावना बनी थी कि बैंकिंग गोपनीयता का दौर समाप्त हो चुका है।

 

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि कर चोरों की पनाहगाहों पर शिकंजा कसने के भारत के आह्वान को जी-20 के कई देशों ने समर्थन किया। अहलूवालिया ने बताया कि पांच साल पहले की तुलना में इस मुद्दे पर अब काफी प्रगति हुई है और कर धोखाधड़ी के मामले में सूचनाओं तक पहले के मुकाबले पहुंच काफी आगे तक हुई है। समझा जा रहा है कि कर चोरों की पनाहगाह के मुद्दे पर भारत की चिंताओं की शिखर सम्मेलन में कल जारी होने वाले घोषणापत्र में समर्थन मिल सकता है।

 

यह मुद्दा समूह-20 के एजेंडे में पिछले दो सालों से है और भारत को इस मुद्दे पर समूह से ठोस वक्तव्य की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई अन्य राष्ट्र प्रमुख भाग ले रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 3, 2011, 23:33

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