Last Updated: Friday, January 27, 2012, 13:30
पेरिस : भारत कर संबंधी मामलों में आपसी प्रशासनिक सहायता से जुड़े संकल्प पर हस्ताक्षर करने वाला 32वां देश बन गया है। यह जानकारी पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने गुरुवार को जाहिर की है।
ओईसीडी ने कहा है कि करदाताओं के अधिकारों का सम्मान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने वाले बहुपक्षीय समझौते पर भारत के हस्ताक्षर ने उन देशों को एक जोरदार संदेश दिया है जो यह सुनिश्चित कराने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं कि करदाता व्यक्ति और बहुराष्ट्रीय उद्यम, कर की सही राशि का भुगतान करें।
ओईसीडी की कर नीति एवं प्रशासन केंद्र के निदेशक जेफरी ओवन्स ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि भारत गैर ओईसीडी वाला पहला जी-20 देश होगा, जिसके लिए ताजा संकल्प लागू होता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह संकल्प 25 जनवरी, 1988 को यूरोपीय परिषद और ओईसीडी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था और दोनों संगठनों से जुड़े सदस्य देशों के हस्ताक्षर के लिए खुला था।
जी-20 के कहने पर अप्रैल 2009 में इसे संशोधित किया गया था। जी-20 ने विकासशील देशों हेतु इसे आसान बनाने की मांग की थी ताकि सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण सहित, नए सहयोगी कर वातावरण का उन्हें लाभ सुनिश्चित हो सके।
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 27, 2012, 19:00