Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 15:01
संयुक्त राष्ट्र: भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक दल की प्रासंगिकता को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोनों देशों के बीच गरमागरम बहस के बीच विश्व निकाय प्रमुख बान की मून के प्रवक्ता ने कहा है कि केवल इस 15 सदस्यीय निकाय के फैसले से ही इस बल को हटाया जा सकता है।
सुरक्षा परिषद ने 1948 में भारत एवं पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक दल (यूएनएमओजीआईपी) की स्थापना की थी। बान के प्रवक्ता मार्टिन ने प्रेस ट्रस्ट को ईमेल में कहा कि महासचिव का रूख हमेशा से यह रहा है कि यूएनएमओजीआईपी हटाने का फैसला सुरक्षा परिषद ही कर सकती है।
सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान द्वारा शांति मिशन पर कल आयोजित खुली बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि यूएनएमओजीआईपी की भूमिका भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1972 के शिमला समझौते ने ले ली ।
पुरी ने कहा कि शिमला समझौते के बाद दोनों देशों ने अपने मतभेद बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने का निश्चय किया था।
पुरी ने ने यह भी कहा था कि यूएनएमओजीआईपी के लिए आवंटित संसाधन किसी अन्य क्षेत्र या मिशन पर खर्च किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो कि मितव्ययता के समय में धन का सदुपयोग हो। जम्मू कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र मिशन हटाने के सुझाव को खारिज करते हुए संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मसूद खान ने कहा कि यूएनएमओजीआईपी सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के अनुसार संघषर्विराम पर नजर रख रहा है और ऐसे में उसका क्षेत्राधिकार पूरी तरह वैध, प्रासंगिक एवं संचालनात्मक है।
खान ने कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी द्विपक्षीय समझौते ने पर्यवेक्षक दल की भूमिका अथवा उसकी वैधता प्रभावित नहीं की है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि भारत एवं पाकिस्तान दोनों देश भारतीय यूएनएमओजीआईपी की मेजबानी कर रहा है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर समेत किसी भी मुद्दे के हल में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से बिल्कुल इनकार किया है।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने नयी दिल्ली में कहा था कि भारत का रूख रहा है कि द्विपक्षीय मुद्दे दोनों पक्ष आपस में मिल-बैठकर सुलझाये जांय ।
यूएनएमओजीआईपी जम्मू कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम रेखा पर 1949 से ही स्थित है और वह दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच संघषर्विराम पर नजर रख रहा है। फिलहाल कश्मीर में 39 सैन्य पर्यवेक्षक हैं जिनमें 25 अंतरराष्ट्रीय असैन्य नागरिक हैं और 48 स्थानीय नागरिक कर्मचारी हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 15:01