कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह पर भिड़े भारत-पाक -India, Pakistan spar over UN mission in Kashmir

कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह पर भिड़े भारत-पाक

कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह पर भिड़े भारत-पाक संयुक्त राष्ट्र: जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह की प्रासंगिकता को लेकर भारत और पाकिस्तान की सुरक्षा परिषद में तीखी बहस हुई । नयी दिल्ली ने कहा कि समूह की जगह 1971 के शिमला समझौते ने ले ली है जबकि इसलामाबाद ने जोर दिया कि बल की अभी भी भूमिका है ।

संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का पाकिस्तान फिलहाल अध्यक्ष है और उसने शांतिरक्षण पर चर्चा का आयोजन किया जिसमें दोनों देशों के बीच गरमागरम बहस हुई ।

भारत और पाकिसतान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) का गठन 1949 में किया गया था और इसका मकसद नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की निगरानी करना था ।

चर्चा की अध्यक्षता करते हुए पाकिसतान के विदेश सचिव अब्बास जिलानी ने कहा कि उनका देश शांतिरक्षा अभियानों में ‘गर्व के साथ’ हिस्सा लेता रहा है ।

जिलानी ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के सबसे पुराने शांतिरक्षा अभियानों में से एक यूएनएमओजीआईपी का भी मेजबान है । जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर शांति की निगरानी में इस अभियान ने अहम भूमिका अदा की है । संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरदीप सिंह पुरी ने संयुक्त राष्ट्र बल के जिक्र को खारिज किया । (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 22, 2013, 12:54

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