Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 20:01
मेलबर्न : काम के दौरान या कार्यस्थल पर सेक्सी जोक्स बोलना और फिर यह कहना कि सिर्फ मजाक कर रहे हैं, पुरूष प्रभाव वाले कार्यस्थलों पर काफी देखने को मिलता है। एक नए शोध का कहना है कि यह महिलाओं के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और उनकी सफलता की गुंजाइश कम करता है।
‘मेलबर्न बिजनेस स्कूल’ की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों में यौन प्रताड़ना या उत्पीड़न से निपटने के लिए तो कानून हैं लेकिन ऐसे सेक्सी जोक्स और ऐसी बातें बोलने और ऐसा व्यवहार करने वालों को नियंत्रित करने के लिए कोई नियम नहीं है।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि कंपनियों को ऐसी बातों और घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ‘जोक्स नहीं बोलने या इस तरह का मजाक नहीं करने’ की नीति अपनानी चाहिए।
‘न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू’ ने रिपोर्ट के लेखक विक्टर रोजो के हवाले से कहा है, सामान्य लोगों के बीच अभी भी यह विचार है कि सेक्सी जोक्स बोलने या इस तरह की अन्य बातें करना आम बात है।
उनका कहना है, इसका महिला कर्मचारियों के स्वास्थ्य और काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और धीरे-धीरे यह संस्कृति दबंगई का रूप ले लेती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि महिला को लगता है कि उसके साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है और वह वातावरण के साथ सामंजस्य नहीं बना पा रही है तो वह संस्थान में अपनी भूमिका नहीं निभा पाती है ।
उसके अनुसार, इस तरह की परेशानियां ज्यादातर पुरूषवादी क्षेत्रों जैसे प्राकृतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, मेडिसीन, पुलिस, सेना, सूचना प्रौद्योगिकी, लॉ फर्म और वित्त सेवाओं में आती हैं । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 20:01