कूटनीतिक समझौता मसौदा पर मिले अफगानिस्तान-पाकिस्तान

कूटनीतिक समझौता मसौदा पर मिले अफगानिस्तान-पाकिस्तान

कूटनीतिक समझौता मसौदा पर मिले अफगानिस्तान-पाकिस्तानइस्लामाबाद : अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने आज कूटनीतिक साझेदारी समझौते के बारे में विमर्श किया। वहीं अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह तालिबान के कुछ और नेताओं को रिहा करे। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कूटनीतिक साझेदारी समझौता का मसौदा अपने अफगान समकक्ष जलमई रसूल के समक्ष पेश किया।

दोनों विदेश मंत्रियों ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये बताया कि दोनों पक्ष इस समझौते पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर कर सकते हैं। बहरहाल, रसूल ने स्पष्ट कर दिया कि इस समझौते के लिये दोनों पक्षों के बीच पूर्ण विश्वास जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘मसला यह है कि आप कूटनीतिक साझेदारी समझौते पर तब तक हस्ताक्षर नहीं कर सकते जब तक दोनों देशों के बीच पूर्ण विश्वास नहीं है। ’’ रसूल ने कहा कि खार के साथ उनकी चर्चा समझौते की ओर पहला कदम है।

खार ने कहा कि दोनों देशों ने समझौते को अंतिम रूप देने के लिये सफर तय करना शुरु कर दिया है। इसका मार्ग अफगानिस्तान के राष्ट्रपति करज़ई ने अमेरिका के साथ सितंबर में हुई त्रिपक्षीय वार्ता में सुझाया था। करज़ई ने अक्तूबर में पाकिस्तान के सामने मांग रखी थी कि कूटनीतिक साझेदारी को अंजाम देने के लिये पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन मुहैया न कराये। इससे पाकिस्तानी नेतृत्व नाराज हो गया था आौर पाकिस्तान के विदेश विभाग ने इस बयान को आधारहीन बताया था। प्रेस वार्ता ने कहा कि शांति की इस प्रक्रिया में जो भी सहायता कर सकता है उसे मुक्त रूप से ऐसा करना चाहिये।

खार ने प्रेस वार्ता में इसी बात को दोहराया कि पाकिस्तान अफगान नेतृत्व में शांति प्रक्रिया के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान हर कीमत पर अफगान नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया के लिये सफर शुरू कर चुका है। खार ने साफ कर दिया कि जो भी भविष्य अफगान अपने लिये चुनते हैं उसके लिये पाकिस्तान सिर्फ एक सहायक की भूमिका निभा सकता है। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 30, 2012, 21:09

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