क्षेत्रीय सहयोग मजबूत करने पर भारत का जोर

क्षेत्रीय सहयोग मजबूत करने पर भारत का जोर


बीजिंग: विदेश मंत्री एसएम कृष्णार ने कहा कि भारत क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए हमेशा पक्षधर रहा है और इसे और मजबूत किए जाने का पक्षधर है। एससीओ के शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे कृष्णा ने कहा कि भारत इस समूह में साथ जुड़ने की उम्मीद करता है। भारत अपने एससीओ की सभी बैठकों में रचनात्मक रूप से भागीदारी करता रहा है।

कृष्णा ने कहा कि आज के समय हम जो सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहे हैं, वह अफगानिस्तान से जुड़ी हुई है। अफगानिस्तान एशिया का दिल और मध्य को दक्षिण एशिया से जोड़ने वाला सेतु भी है। उन्होंने कहा कि एससीओ एक ऐसा वैकल्पिक क्षेत्रीय मंच प्रदान करता है, जिस पर अफगानिस्तान में बदलते हालात को लेकर तेजी से चर्चा की जा सकती है। विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ में आर्थिक विकास से जुड़ी परियोजनाएं अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए सार्थक साबित हो सकती हैं।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण और विकास के लिए भारत पहले दो अरब डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता जता चुका है। आतंकवाद को लेकर कृष्णा ने कहा कि भारत और क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचा के बीच बड़े सहयोग की जरूरत है। रैट्स एससीओ के सदस्य देशों का एक समूह है। कृष्णा ने कहा कि भारत आतंकवाद से लंबे वक्त से पीड़ित रहा है। हमारा मानना है कि इस समस्या का सामना करने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता और ठोस प्रयासों की जरूरत है। पूर्वोत्तर की जीवन रेखा कही जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी में जलस्तर के घटने को लेकर नयी दिल्ली की चिंताओं के बीच भारत और चीन ने सीमा पार नदियों पर अगले महीने महत्वपूर्ण वार्ता करने का आज फैसला किया। (एजेंसी)

First Published: Friday, June 8, 2012, 00:00

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