Last Updated: Friday, July 27, 2012, 18:40
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने और सेना के खुफिया अधिकारियों ने वर्ष 1990 के आम चुनाव में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए नेताओं में 14 करोड़ रुपए बांटे थे।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दाखिल बयान में दुर्रानी ने कहा कि उनके द्वारा वितरित की गई धनराशि करीब सात करोड़ रुपए थी। बाकी की धनराशि आईएसआई के एक विशेष कोष में जमा की गई थी और बाद में सेना के खुफिया अधिकारियों ने इसे बांटा था। दुर्रानी ने कहा कि उन्हें तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) मिर्जा असलम बेग से धन मिला था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति गुलाम इश्क खान के चुनावी दल के सदस्य इजलाल हैदर जैदी ने वे नाम दिए थे जिन्हें धन दिया जाना चाहिए।
दुर्रानी ने कहा कि यह धन बेग के दिशा निर्देशों पर वितरित किया गया। आईएसआई के पूर्व प्रमुख ने कहा कि वे एक सीलबंद लिफाफे में वर्ष 1990 के चुनावों को प्रभावित करने के लिए धन बांटने में जिन अधिकारियों ने मदद की उनके नाम का खुलासा करेंगे। अदालत में कल दिए बयान में दुर्रानी ने अनुरोध किया कि उनके द्वारा दिए गए किसी भी सीलबंद दस्तावेज को गोपनीय माना जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी के अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ वर्ष 1996 में पूर्व वायुसेना प्रमुख असगर खान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। खान ने आरोप लगाया था कि खुफिया एजेंसियों ने वर्ष 1990 के चुनाव से पहले पीपीपी के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए नेताओं को करोड़ों रुपए मुहैया कराकर राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित किया था। इससे पहले कोर्ट ने अंतिम सुनवाई में 16 जुलाई को दुर्रानी को आदेश दिया था कि वे धन वितरित किए जाने पर संक्षिप्त बयान, साक्ष्य और शपथ पत्र दाखिल करें।
दुर्रानी ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें सेना के कुछ निश्चित अधिकारियों को धन वितरित करने का काम दिया गया था। ये अधिकारी जानते थे कि ये धन चुनाव को प्रभावित करने के दिया जाना है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने बाद में उन्हें धन वितरित किए जाने के बारे बताया। शीर्ष अदालत 30 जुलाई को मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 27, 2012, 18:40