Last Updated: Friday, September 23, 2011, 15:19
इस्लामाबाद : आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से रिश्ते के आरोपों के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि अगर ओबामा प्रशासन पाकिस्तान को अपना रणनीतिक साझेदार बनाए रखना चाहता है तो उसे उसके साथ संपर्क बढ़ाना चाहिए, जिससे ‘गलतफहमियां’ भी दूर हो सकेंगी.
अमेरिकी अधिकारियों के आरोपों का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, ‘अमेरिका से जिस तरह के संदेश आ रहे हैं, उनसे लगता है कि वे हमारे साथ नहीं रह सकते, हमारे बिना भी नहीं रह सकते.’ उन्होंने कराची में संवाददताओं से कहा, ‘ऐसे में मैं कहूंगा कि जब वे हमारे बिना नहीं रह सकते तो उन्हें हमारे साथ आतंकवाद के खिलाफ युद्ध से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करने के लिए संपर्क बढ़ाने चाहिए.’ गिलानी ने कहा, ‘अगर अमेरिका के साथ रिश्ते परस्पर सम्मान एवं परस्पर हित पर निर्भर हैं और अगर इस तरह के गलत संदेश दिए जा रहे हैं तो हमारे लोगों को मनाना मुश्किल होगा. मैं अमेरिका से कहता हूं कि वह हमारे लिए राजनीतिक गुंजाइश छोड़े ताकि हम उसके महत्व के बारे में जनता को बता सकें.’
गिलानी का बयान विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार से कहीं ज्यादा सहज है. हिना ने कहा है कि अगर अमेरिका इसी तरह से पाकिस्तान की आलोचना करता रहा तो वह अपने इस पुराने साझेदार को खो सकता है. हिना की ओर से यह सख्त बयान उस वक्त आया है जब अमेरिका के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी एडमिरल माइकल मुलेन ने आरोप लगाया था कि आईएसआई आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क की मदद कर रहा है.
हक्कानी नेटवर्क को बीते 13 सितंबर को काबुल में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले का जिम्मेदार माना जा रहा है. मुलेन ने कहा था कि तालिबान का एक शक्तिशाली धड़ा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। यह पहली बार है कि किसी शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने आईएसआई के आतंकी संगठनों से रिश्ते की बात इतने सख्त लहजे में की है.
उधर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार ने भी अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर आईएसआई और हक्कानी नेटवर्क में रिश्ता होता तो अफगानिस्तान के सीमा पर एक पाकिस्तानी जनरल पर हमला नहीं होता.
(एजेंसी)
First Published: Friday, September 23, 2011, 20:49