Last Updated: Thursday, January 12, 2012, 07:40
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी व सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के बीच शुरू हुए वाकयुद्ध में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (कायदे आजम) के प्रमुख शुजात हुसैन मध्यस्थता कर रहे हैं। हुसैन जिन्होंने परवेज मुशर्रफ के शासन में प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था, को सेना के नजदीक माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेताओं ने उनसे मध्यस्थता करने की गुजारिश की।
दोनों के बीच तनाव तब उत्पन्न हो गया था जब गिलानी ने चीन के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में कयानी और आईएसआई चीफ शुजा पाशा की ओर से जो एफिडेविट सौंपा गया वह असंवैधानिक और गैरकानूनी है। इसके बाद कयानी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि गिलानी के ऐसे बयान से उन्हें भयानक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। पीएमएल (क्यू) के प्रवक्ता कामिल अली आघा ने कहा कि चौधरी शुजात हुसैन दोनों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। उनकी पार्टी दोनों के बीच पैदा हुई दूरी को पाटने से गुरेज नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि कोई भी दोनों संस्थाओं के बीच टकराव नहीं चाहता है। आघा ने कहा है कि सभी पक्षों को एक साथ बैठकर मसले पर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच जो गलतफहमी पैदा हुई है उसको बातचीत से ही पाटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक मसला है इसलिए सभी पक्षों को एक दूसरे पर हमला करने की बजाय शांति व समझदारी से काम लेना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 12, 2012, 22:55