Last Updated: Tuesday, June 26, 2012, 23:00
इस्लामाबाद : पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी द्वारा अयोग्य ठहराए जाने की अवधि में किए गए सभी फैसलों को संवैधानिक संरक्षण देने के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा लाए गए अध्यादेश को आज सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि अदालत ने अब तक विस्तृत फैसला नहीं जारी किया है जिसमें गिलानी की अयोग्यता के संपूर्ण परिणामों का उल्लेख हो। इसमें गिलानी और उनकी मंत्रिमंडल द्वारा किए गए सभी फैसलों की बात भी शामिल है।
याचिका में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री के कृत्यों को ‘असंवैधानिक’ संरक्षण दिया है।
याचिका में दावा किया गया कि अध्यादेश में संसद के विधायी प्राधिकार और न्यायपालिका के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर किया गया है।
फिलहाल इस बात का पता नहीं चला है कि शीर्ष अदालत कब याचिका पर सुनवाई करेगी। जरदारी ने गत रविवार को एक अध्यादेश जारी किया था जिसमें गिलानी को शीर्ष अदालत द्वारा 26 अप्रैल को दोषी ठहराए जाने और 19 जून को उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के बीच उनके द्वारा किए गए सभी फैसलों को कानूनी संरक्षण दिया गया था।
अध्यादेश में कहा गया था कि इस अवधि के दौरान गिलानी द्वारा किए गए सभी फैसलों को सुप्रीम कोर्ट समेत किसी भी अदालत या मंच में चुनौती नहीं दी जा सकती। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रपति ने इसलिए अधिसूचना जारी की क्योंकि संसद के दोनों सदनों का सत्र नहीं चल रहा है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 26, 2012, 23:00