Last Updated: Wednesday, December 21, 2011, 05:17
वाशिंगटन : रूस में भारत के पौराणिक ग्रन्थ भगवद् गीता पर पाबंदी लगाने के हाल के प्रयासों को लेकर अमेरिका में बसा हिंदू समुदाय बेहद क्षुब्ध और अक्रोशित हैं। वाशिंगटन स्थित हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के प्रबंध निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा कि रूसी अभियोजकों की यह कार्रवाई बिल्कुल समर्थन योग्य नहीं है और यह रूस में हिंदुओं की धार्मिक आजादी पर कठोरता से प्रतिबंध लगाने के प्रयासों को बताती है।
उन्होंने कहा कि एक पवित्र ग्रन्थ के बारे में एक संकीर्ण और असहिष्णु एजेंडा से दुनिया भर में एक अरब से ज्यादा हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंची है। रूसी अधिकारी एक स्वतंत्र समाज के सिद्धांतों के विपरीत काम कर रहे हैं। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के सदस्यों ने औपचारिक तौर पर अपनी चिंताओं से वाशिंगटन डीसी में रूसी दूतावास के अधिकारियों को अवगत कराया और आगे इसके निदान के लिए बैठक का आग्रह किया।
वाशिंगटन डीसी स्थित एचएएफ के सहयोगी निदेशक जय कंसारा ने कहा कि हमने रूसी न्यायपालिका और वहां की सरकार से हिंदू नागरिकों के मूलभूत अधिकारों को बरकरार रखने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि भगवद्गीता पर प्रतिबंध लगाने के बारे में अदालत के किसी भी आदेश अथवा कानून को रूस में बसे हिंदू समुदाय की नागरिक छूट पर सीधा हमला तथा दुनिया भर में फैले हिंदुओं का अपमान माना जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 21, 2011, 18:47