गुप्ता की रिहाई चाहते थे, लेकिन सबूत पुख्ता : जूरी

गुप्ता की रिहाई चाहते थे, लेकिन सबूत पुख्ता : जूरी

न्यूयार्क : भारतीय मूल के प्रमुख अमेरिकी रजत गुप्ता को प्रतिभूति के भेदिया कारोबार मामले में दोषी करार देने वाली जूरी ने कहा कि वह चाहते थे कि सुनवाई के बाद गुप्ता मुक्त होकर बाहर निकलें, लेकिन उनके खिलाफ काफी ठोस सबूत हैं।

मैनहटन की संघीय अदालत द्वारा कल फैसला सुनाए जाने के बाद गोल्डमैन साक्स के पूर्व निदेशक, 63 वर्षीय गुप्ता भावशून्य दिखाई पड़े। जूरी ने कहा कि उनकी और अधिक पाने की लालसा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं।

कल न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि12 सदस्यीय जूरी के लिए भी एक कठिन दिन था। ज्यूरी में 8 महिला और चार पुरुष थे।

गुप्ता के खिलाफ फैसला सुनाने के बाद अदालत से जा रहे जूरी सदस्यों में से दो के आंखों में आंसू थे।
दोषी करार दिए जाने के बाद गुप्ता की चारों बेटियां रोने लगीं जबकि गुप्ता की पत्नी सिर पर हाथ रखे अदालत में बैठी रहीं।

गुप्ता जब तब अपने परिवार की ओर देख रहे थे मानो वह उन्हें ढाढस बंधा रहे हों। जूरी के अदालत से चले जाने के बाद गुप्ता ने अपने वकील को बाहों में भर लिया। इसके बाद वह अपनी पत्नी और बेटियों के पास पहुंचे। गुप्ता वहां जमा पत्रकारों से कोई बातचीत किये बिना वहां से चल गये।

जूरी के प्रमुख और फैसला सुनाने वाले 51 वर्षीय रिचर्ड लेपकोवस्की ने कहा कि वह गुप्ता को भेदिया कारोबार मामले में दोषी नहीं ठहराना चाहते थे। (एजेंसी)

First Published: Saturday, June 16, 2012, 19:37

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