Last Updated: Monday, August 6, 2012, 22:41

वाशिंगटन : अमेरिका में रह रहे सात लाख सिख अपनी दाढ़ी एवं पगड़ी को लेकर अक्सर मुसलमान समझ लिये जाते हैं और (आतंकवादी हमलों का) बदला लेने वाले अति उत्साहियों के निशाने पर आ जाते हैं।
सीएनएन के अनुसार सिखों पर हमलों का ब्यौरा देते हुए कहा है कि 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद सिखों पर अक्सर हमले होने लगे।
सीएनएन के मुताबिक 9/11 हमले को लेकर बदले की भावना से जिस पहले व्यक्ति की हत्या की गयी थी वह एक सिख था। वर्ष 2001 के 15 सितंबर को विमान मैकेनिक फ्रैंक रोक्यू ने एरिजोना के मेसा में एक गैस स्टेशन का मालिक बलबीर सिंह को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
बलबीर के दोस्त सुमिंदर सोढ़ी ने हमले के बाद कहा था, हमारा चेहरा-मोहरा ओसामा बिन लादेन और अफगानिस्तान के लोगों से मिलता जुलता है। लेकिन हम मुसलमानों से भिन्न हैं। हमारी मान्यताएं एवं धर्म भिन्न है।
वर्ष 2001 में ही लॉस एंजिल्स में दो व्यक्तियों ने एक स्टोर मालिक सुरिंदर सिंह को बुरी तरह से पीटा। वे उस वक्त चिल्ला रहे थे, हम आज बिन लादेन को मार डालेंगे। जुलाई, 2004 में न्यूयार्क सिटी में राजिंदर सिंह खालसा को छह लोगों ने मारकर बेहोश कर दिया था।
जनवरी, 2009 में न्यूयार्क में जसमीर सिंह पर नस्लवादी टिप्पणी करते हुए हमला किया गया था। नंवबर, 2010 में कैलीफोर्निया के एक कैब ड्राइवर हरभजन सिंह को दो यात्रियों ने ‘ओसामा’ कहकर पीटा था।
इस साल फरवरी में मिशीगन के स्टर्लिंग हाइट्स में एक निर्माणाधीन गुरूद्वारा को अपवित्र कर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 6, 2012, 22:41