Last Updated: Saturday, December 29, 2012, 10:25

सिंगापुर : दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई लड़की ने आज तड़के दम तोड़ दिया और उसका पार्थिव शरीर विशेष चार्टर्ड विमान से दोपहर को भारत भेजा जाएगा। सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त टी सी ए राघवन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि लड़की के अभिभावक और परिवार के अन्य सदस्य उसकी पार्थिव देह ले कर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि भारत से चार्टर्ड विमान के दोपहर को तीन से चार बजे के बीच (भारतीय समयानुसार बारह बज कर तीस मिनट से एक बज कर तीस मिनट के बीच) यहां पहुंचेगा। राघवन ने कहा कि लड़की की पार्थिव देह के अंतिम संस्कार के बारे में उसके परिवार ने अभी कोई फैसला नहीं किया है।
संवाददाता सम्मेलन में राघवन ने कहा कि मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने सहित औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है जिसके बाद लड़की की पार्थिव देह को विमान से भारत भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा ‘हमे उसके निधन पर गहरा दुख है और उसके परिवार के प्रति हम संवेदना जाहिर करते हैं।’ राघवन ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शोक संदेश लड़की के परिवार वालों तक पहुंचा दिया है। सिंह ने संदेश में भारत को महिलाओं के रहने के लिए सुरक्षित और बेहतर बनाने की इच्छा जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि लड़की की मौत पर गहरा दुख जाहिर करते हुए उच्चायोग कार्यालय में सिंगापुर सरकार सहित अलग अलग हिस्सों से संदेश आए हैं। राघवन ने पिछले दो दिन में लड़की के इलाज के लिए सिंगापुर के विदेश मंत्रालय, वहां की सरकार और माउंट एलिजबेथ अस्पताल की ओर से किए गए प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।
लड़की को दिल्ली से सिंगापुर लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल और माउंट एलिजबेथ अस्पताल के डॉक्टरों के बीच विचारविमर्श हुआ और लड़की को यहां लाने से पहले हर पहलू पर गौर किया गया होगा।
राघवन से पूछा गया कि क्या डॉक्टरों ने यह सोचा था कि दिल्ली से सिंगापुर ले जाते समय उसकी मौत हो सकती थी। इस पर राघवन ने कहा ‘मेरे सामने ऐसी कोई भावना जाहिर नहीं की गई थी। दोनों डॉक्टरों (सफदरजंग अस्पताल के पी के वर्मा और मेदान्ता मेडिसिटी के यतीन मेहता) ने कहा कि वह 16 दिसंबर की रात की घटना में बहुत बुरी तरह घायल हुई थी। ’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में और सिंगापुर में लड़की का अच्छे से अच्छा इलाज किया गया और उसकी मौत का कारण वह चोटें थीं जो उसे हादसे के दौरान आईं।
राघवन ने कहा ‘उसकी चोटों के इलाज के लिए हरसंभव इलाज किया गया। लेकिन प्रयास नाकाम रहे और वह चोटों से उबर नहीं पाई।’ उसके परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इंकार करते हुए राघवन ने कहा कि उन्होंने (परिवार ने) यह अनुरोध किया है कि उनकी पहचान की गोपनीयता बनाए रखी जाए। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 29, 2012, 09:10