गोपनीय ज्ञापन की आईएसआई ने की पुष्टि - Zee News हिंदी

गोपनीय ज्ञापन की आईएसआई ने की पुष्टि

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सियासी गलियारे में भूचाल लाने वाले गोपनीय ज्ञापन के मुद्दे को सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के समक्ष उठाने से पहले ही खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) ने इस बात को प्रमाणित कर दिया कि पाकिस्तानी असैन्य सरकार ने अमेरिका के पूर्व सेना प्रमुख को एक गोपनीय ज्ञापन भेजा था।

 

समाचार पत्र ‘द न्यूज’ के मुताबिक, आईएसआई के एक अधिकारी ने पिछले दिनों यूरोप का दौरा कर पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज से मुलाकात की थी। एजाज ने ही पाकिस्तानी सरकार की ओर से एक ज्ञापन पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन को सौंपा था। आईएसआई अधिकारी की एजाज से मुलाकात का मकसद उस ज्ञापन की प्रमाणिकता की जांच करना था। इस मुद्दे को कयानी ने जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के समक्ष उठाया था, इससे पहले ही आईएसआई के इस अधिकारी ने ज्ञापन भेजे जाने की बात को प्रमाणित कर दिया।

 

अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि एजाज ने आईएसआई के अधिकारी के समक्ष जो सबूत सौंपे उससे वह आश्वस्त हो गया कि अमेरिकी सैन्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपने की बात सही है। मुलेन ने खुद यह स्वीकार किया था कि उन्हें पाकिस्तान की ओर से एक ज्ञापन मिला था, हालांकि उनके मुताबिक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसी साल मई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान की असैन्य सरकार ने तख्ता पलट की आशंका के मद्देनजर एक ज्ञापन अमेरिका को दिया था, जिसमें कथित तौर पर मदद का आग्रह किया गया था।

 

ज्ञापन मामले की जांच होगी  : रहमान मलिक
पाकिस्तान में सियासी भूचाल लाने वाले गोपनीय ज्ञापन को लेकर गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि यह विवादास्पद ज्ञापन कैसे तैयार किया गया एवं इसके पीछे कौन था।

 

मलिक ने कहा, ‘सवाल यह खड़ा होता है कि यह ज्ञापन कैसे तैयार हुआ, इसके पीछे कौन था, इन सबकी जांच की जाएगी।’ हाल ही में यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया, जब पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मसूंर एजाज ने एक अखबार में लेख लिखा और इसमें उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की ओर से एक गोपनीय ज्ञापन अमेरिकी सेना के पूर्व सर्वोच्च अधिकारी माइक मुलेन को सौंपा गया था। इस ज्ञापन में पाकिस्तान में तख्ता पलट की आशंका के मद्देनजर अमेरिकी सरकार से मदद मांगी गई थी। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 19, 2011, 22:34

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