Last Updated: Saturday, December 15, 2012, 09:29

वाशिंगटन : अमेरिका में एक स्कूल में हुई गोलीबारी में कम से कम 18 बच्चों के मारे जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा काफी दुखी हैं। व्हाइट हाउस प्रेस के सामने उनका गला कई बार रुंधा। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे दिल टूट गए हैं।’ व्हाइट हाउस प्रेस के समक्ष कल दोपहर ओबामा ने कहा, ‘इस हादसे में मारे गए छोटे बच्चों के माता-पिता, दादा-दादी, बहनों-भाइयों और वयस्कों के परिवारों के लिए आज हमारे दिल में दर्द है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे दिल में उन माता-पिता के लिए भी दर्द है जिनके बच्चे भाग्यवश इस हादसे से बच गए हैं। वे बहुत भाग्यशाली हैं कि आज उनके बच्चे उनके साथ घर पर ही हैं। वे जानते हैं कि उनके बच्चों की मासूमियत उनसे बहुत जल्दी छीन ली गई है। कोई भी शब्द इन माता-पिता का दर्द कम नहीं कर सकता।’ ओबामा को इस दर्दनाक हादसे की खबर ओवल ऑफिस में उनके होमलैंड सुरक्षा सलाहकार जॉन ब्रेनान ने सुबह करीब 10.30 बजे दी थी। उन्होंने एफबीआई के निदेशक और कनेक्टीकट के गवर्नर से बात भी की थी। गोलीबारी की यह घटना कनेक्टीकट में ही हुई है।
प्रेस को संबोधित करते हुए ओबामा ने कई बार बीच में रूक कर अपने आंसू पोंछे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘एक देश के तौर पर हमें कई बार ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ा है। फिर चाहे वह न्यूटाउन में कोई प्रारंभिक शिक्षा का स्कूल हो या ओरेगॉन का शॉपिंग मॉल, विस्कोंसिन का गुरुद्वारा हो या ऑरोरा का कोई सिनेमा थियेटर या फिर शिकागो की कोई सड़क..। ये बच्चे हमारे अपने बच्चे हैं। ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए हम राजनीति से परे एक साथ मिलकर कड़े कदम उठाने वाले हैं।’
दो बेटियों के पिता ओबामा ने कहा, ‘आज शाम मिशेल और मैं वही करेंगे जो आज अमेरिका के सभी माता-पिता करेंगे। हम सब आज अपने-अपने बच्चों को गले लगाएंगे और उन्हें बताएंगे कि हम उन्हें बहुत प्यार करते हैं। हम एक दूसरे को यह याद दिलाएंगे कि हम एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना कि अपने बच्चे या किसी अन्य प्रियजन को खोने की भरपाई नहीं की जा सकती। साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिवारों की मदद के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘लेकिन कनेक्टीकट के कई परिवार आज रात ऐसा नहीं कर पाएंगे और अभी उन्हें हम सबकी जरूरत है। मुश्किल समय में उस समुदाय को हमारे आपसी सहारे की जरूरत है। मैं राष्ट्रपति के रूप में हरसंभव सहयोग करूंगा। दुनिया से जा चुके बच्चों या अन्य प्रियजनों की जगह कोई नहीं भर सकता लेकिन हम सब इन लोगों की ओर हाथ बढ़ाकर उन्हें बता सकते हैं कि हम उनके साथ हैं, हम उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं और दुनिया से जाने वाले अपने प्रियजनों की यादें सिर्फ उनके दिलों में ही नहीं, बल्कि हमारे दिलों में भी मौजूद हैं।’
ओबामा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में देश में गोलीबारी की कई घटनाएं हुई हैं और ऐसी हर घटना को सुनने के बाद उन्होंने कभी एक राष्ट्रपति की तरह नहीं, बल्कि एक अभिभावक के रूप में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कई सालों में हमने ऐसी बहुत सी त्रासदियां झेली हैं। हर बार जब भी मुझे खबर मिली है तब-तब मैंने एक राष्ट्रपति के रूप में नहीं, बल्कि अन्य लोगों की तरह एक अभिभावक के रूप में प्रतिक्रिया दी है। यह बात आज के लिए खासतौर पर सच है। मैं जानता हूं कि आज अमेरिका में ऐसा कोई अभिभावक नहीं है जो मेरी तरह इस भारी दुख को महसूस नहीं कर रहा हो।’
ओबामा ने कहा, ‘मरने वालों में अधिकतर प्यारे-प्यारे, छोटे बच्चे थे जिनकी उम्र महज पांच से दस साल के भीतर थी। उनके सामने उनकी पूरी जिंदगी थी जिसमें उनके जन्मदिन, स्नातक होना, शादी, उनके अपने बच्चे होना सबकुछ शामिल था। मरने वाले इन लोगों में वे अध्यापक, पुरूष और महिलाएं भी थीं जिन्होंने अपनी जिंदगी हमारे बच्चों के सपने पूरे करने में मदद के लिए समर्पित कर दी।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 15, 2012, 09:29