चीन के नए नेतृत्व के एजेंडे में सुधार को प्रमुखता

चीन के नए नेतृत्व के एजेंडे में सुधार को प्रमुखता

बीजिंग : ऐसे में जब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के 18 वें अधिवेशन पर दुनिया भर की नजर लगी हुई है, विशेषज्ञों का कहना है कि देश के नए नेतृत्व का प्रमुख एजेंडा सुधार होगा।

सीपीसी दुनिया के इस सबसे बड़े विकासशील देश के भविष्य को लेकर पहले से कहीं ज्यादा दृढ़निश्चयी और आश्वस्त हो गया है। चीनी संवाद एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक विशेषज्ञों की नजर में सुधार ही सबसे बड़ा एजेंडा है। राष्ट्रपति हू जिंताओ ने गुरुवार को पार्टी की नेशनल कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी विकास को लेकर वैज्ञानिक नजरिया रखती है। हमारी नीति जनहित केंद्रित है और वर्षों तक यह हमारी प्रेरणा सूत्र बनी रहेगी।

चायनीज एकेडमी ऑफ गवर्नेस में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर जू याओतोंग ने कहा कि विकास पर वैज्ञानिक नजरिये को लेकर सत्तारूढ़ दल की व्याख्या वाकई सटीक है। मुझे लगता है कि यह नजरिया चीन की जमीनी वास्तविकताओं की अनदेखी नहीं करता।

पार्टी के लिए भ्रष्टाचार एक बड़ा मसला है, क्योंकि हालिया समय में चोंगकिंग म्युनिसिपिलिटी के पूर्व प्रमुख बो जिलाई एवं पूर्व रेल मंत्री लियू झिजून जैसे नेताओं के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की घटनाओं से पार्टी की छवि खराब हुई है। इन्हें पार्टी से न सिर्फ निकाला जा चुका है, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हुई है। त्सिंघुआ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट के प्रोफेसर लियू किंगलोंग का कहना है कि भ्रष्टाचार का प्रमुख मुद्दा बनना यह साबित करता है कि पार्टी मौजूदा भ्रष्ट माहौल से पूरी तरह वाकिफ है। उनका कहना है नया नेतृत्व मौजूदा भ्रष्टाचार-रोधी प्रणाली की समीक्षा करेगा। उन तमाम खामियों को पाटने की कोशिश की जाएगी जो भ्रष्टाचार की गुंजाइश छोड़ती हैं।

उपरोक्त विश्वविद्यालय के ब्रूकिंग्स-त्सिंघुआ सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी के निदेशक वांग देंग कहते हैं कि चीनी कम्युनिष्ट पार्टी पर सुधार को प्रमुख एजेंडा बनाने का दबाव है। पार्टी अपना दायित्व समझती है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 10, 2012, 19:08

comments powered by Disqus