Last Updated: Wednesday, August 21, 2013, 09:01

बीजिंग : भारत की स्वदेशी तकनीक से निर्मित विमान वाहक पोत और दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान के सबसे बड़े युद्धक पोत को चीन अपने लिये खतरा मान रहा है । चीन के सरकारी मीडिया में आयी एक खबर में आरोप लगाया गया है कि कुछ देश बीजिंग की शक्ति को संतुलित करने के लिए नयी दिल्ली का समर्थन कर रहे हैं।
‘ग्लोबल टाइम्स’ की वेबसाइट के एक लेख में कहा गया है कि भारत के आईएनएस विक्रांत और जापान के हेलीकॉप्टर वाहक का सेना में शामिल किया जाना चीन के लिए चेतावनी की भांति है ।
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पेसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, ‘कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अभी भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा ।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं । वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं ।’
लेख में दावा किया गया है, ‘भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है । भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं । वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं ।’ लेकिन साथ ही लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 21, 2013, 09:01