चीन के साथ स्थायी एवं सहयोगात्मक संबंध पर जोर : कृष्णा

चीन के साथ स्थायी एवं सहयोगात्मक संबंध पर जोर : कृष्णा

चीन के साथ स्थायी एवं सहयोगात्मक संबंध पर जोर : कृष्णान्यूयार्क : विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने कहा है कि भारत की विदेश नीति की मुख्य प्राथमिकता चीन के साथ स्थायी एवं सहयोगात्मक संबंध के निर्माण की है जो क्षेत्र में स्थिरता एवं समृद्धि का स्रोत होगा।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने आए कृष्णा ने कहा कि एशिया, हिंद महासागर तथा प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता एवं सुरक्षा 21वीं सदी में भारत की खुद की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए जरूरी है।

कृष्णा ने कल ब्राउन विश्वविद्यालय में ‘21वीं सदी में भारत की विदेश नीति की प्राथमिकताएं’ नामक विषय पर दिए व्याख्यान में कहा, ‘‘चीन के साथ स्थायी एवं सहयोगात्मक संबंध के निर्माण में निवेश करना हम जारी रखेंगे। यही परस्पर लाभकारी और क्षेत्रीय स्थिरता एवं समृद्धि का स्रोत है।

उन्होंने आगाह किया कि अगर शक्ति स्पर्धा, राष्ट्रीय दुराग्रह और हथियारों की होड़ जारी रहती है तो बीते साल में एशिया को मिली अद्भुत उपलब्धियां औंधे मुंह गिर सकती हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र के लिए स्थायी एवं समग्र राजनीति-सुरक्षा व्यवस्था के निर्माण और गहरे आर्थिक एकीकरण में भारत सक्रिय रूप से योगदान देकर इस तरह के स्थिति को टालने को प्रतिबद्ध है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, September 29, 2012, 16:46

comments powered by Disqus