Last Updated: Thursday, March 14, 2013, 23:12

बीजिंग : चीन में आए नए निजाम के बाद नई दिल्ली और बीजिंग के बीच के रिश्तों की दशा एवं दिशा को लेकर कयास अपनी जगह वाजिब है। हालांकि नए राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनके कार्यकाल में भारत के साथ संबंधों में ‘खासी अहमियत’ दी जाएगी।
भारत और चीन के संबंधों के सामान्य होने की शुरुआत जियांग जेमिन के जमाने में हो गई थी और 2003 में सत्ता संभालने वाले हू जिंताओ ने इसे काफी आगे बढ़ाया। हू के कार्यकाल में बीजिंग और नयी दिल्ली के संबंधों में मधुरता आई। हू ने कारगिल में अपने सदाबाहर मित्र पाकिस्तान के दुस्साहस के बाद सत्ता संभाली थी, हालांकि बीते 10 वषरें के दौरान भारत-चीन संबंधों में पाकिस्तान फैक्टर को अलग रखने का पूरा प्रयास किया गया।
हू और उनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री रहे वेन च्याबो ने दो बार भारत का दौरा किया। इसके अलावा इन नेताओं ने लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत की। चीन के नए राष्ट्रपति शी आगामी 26-27 मार्च को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 14, 2013, 23:12