Last Updated: Friday, March 9, 2012, 16:33
सिंगापुर : चीन के साथ सीमा ‘विवाद’ बने रहने के बीच भारत ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच हाल ही में बनाया गया कामकाजी तंत्र इसे ‘कम’ या ‘घटाने’ में मदद करेगा। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने दक्षिण एशिया अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित सेमिनार में यह बात कही। विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब तीन दिन पहले ही भारत और चीन ने सीमा समन्वय तंत्र को शुरू करने का समझौता किया है।
भारत-चीन सीमा मामलों पर सलाह और समन्वय के कामकाजी तंत्र का गठन जनवरी में नई दिल्ली में 15वें दौर की सीमा बातचीत के दौरान किया गया ताकि सीमा पर गश्त के समय सैनिकों के बीच किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना को टाला जा सके । कृष्णा ने कहा कि चीन-भारत के विदेश नीति में प्राथमिकता में है। हमने चीन के साथ एक रणनीतिक और सहयोगी भागीदारी विकसित करने का प्रयास किया है।
चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार बनकर उभरा है और चीन के साथ हमारा संबंध अब बहु-पक्षीय है। कृष्णा ने कहा कि स्वाभाविक रूप से जैसाकि किसी भी दो बड़े राष्ट्रों के बीच होता है, दोनों देशों के बीच सहमति के कुछ बिंदू हैं और इसके साथ ही साथ असहमति के क्षेत्र भी हैं । कृष्णा ने कहा कि हम चीन के साथ रचानात्मक और आगे बढ़ने की सोच के साथ संबंधों को आगे बढाते रहेंगे ताकि दोनों देश समान लाभ की स्थिति हासिल कर सकें। सीमा मुद्दे पर कृष्णा ने कहा कि यह सही है कि सीमा के सवाल समेत कुछ मतभेद दोनों देशों के बीच हैं। यहां पर हम चीन के साथ संवाद जारी रखेंगे और हमारा लक्ष्य मतभेदों को कम करना है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 9, 2012, 22:03