Last Updated: Friday, December 7, 2012, 19:40
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के बेटे के रियल स्टेट कारोबारी मलिक रियाज हुसैन के पैसे पर विदेश दौरा करने की बात स्वीकार करने के एक दिन बार आज सुप्रीम कोर्ट ने जांच आयोग भंग कर दिया। यहां की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी आदेश दिया कि इस मामले में आगे किसी तरह की सुनवाई की जरूरत नहीं है।
खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख शोएब सुदले की अध्यक्षता वाले जांच आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस साल की शुरुआत में किया गया था। आरोप है कि हुसैन ने चौधरी के बेटे अरसलान इफ्तिखार के तीन विदेशी दौरों पर 34.2 करोड़ पाकिस्तानी रुपये खर्च किए ताकि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अपने खिलाफ मामलों को प्रभावित किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने आदेश दिया कि अब इस जांच आयोग को खत्म किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि इस मामले में आगे किसी सुनवाई की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें दो निजी व्यक्ति शामिल हैं। पाकिस्तान के इस नए घटनाक्रम से यह संदेश भी जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने अरसलान को बचाने का काम किया किया है, जो प्रधान न्यायाधीश के बेटे हैं। हुसैन की ओर से अरसलान पर आरोप लगाए जाने के बाद से चौधरी खुद भी निशाने पर रहे हैं।
जांच आयोग की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार अरसलान ने माना कि उन्होंने हुसैन अथवा उनके साथियों के खर्चे पर दो विदेशी दौरे किए। अरसलान ने माना कि उन्होंने हुसैन, उनके दोस्त अथवा दामाद से फायदा लिया था, लेकिन रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि उन्होंने फायदा क्यों लिया था। चौधरी के बेटे ने माना कि उन्होंने जुलाई, 2010 में मोंटे कालरे का दौरा किया था और उस समय हुसैन के दामाद सलमान अहमद खान के दोस्त अहमद खलील और उनकी पत्नी सारा हनीफ भी थीं। अरसलान ने यह भी स्वीकार किया था कि पिछले साल 19 जून को वह लंदन गए थे और वहां 21 जुलाई तक रहे थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 7, 2012, 19:40