`जरदारी को पीपीपी प्रमुख पद से हट जाना चाहिए था`

`जरदारी को पीपीपी प्रमुख पद से हट जाना चाहिए था`

`जरदारी को पीपीपी प्रमुख पद से हट जाना चाहिए था`लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को व्यवस्था दी कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सत्तारूढ़ पीपीपी के प्रमुख का राजनीतिक पद छोड़ देना चाहिए था क्योंकि उसने अपने एक पूर्व आदेश में कहा था कि उन्हें एक साथ दो पदों पर नहीं रहना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के नेतृत्व वाली लाहौर उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने मुनीर अहमद खान नामक व्यक्ति द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह व्यवस्था दी। याचिका में मुनीर ने जरदारी के खिलाफ अदालत की अवमानना के सिलसिले में मुकदमा चलाने का आग्रह किया था क्योंकि उन्होंने पिछले वर्ष अदालत द्वारा दिए गए आदेश को नहीं माना।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा था कि वह राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम न दें।

उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब सरकारी वकील वसीम सज्जाद ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सिर्फ यह उम्मीद की थी कि राष्ट्रपति अपना राजनीतिक पद छोड़ देंगे।

सज्जाद का कहना था कि अदालत ने कोई प्रत्यक्ष आदेश जारी कर जरदारी से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख का पद छोड़ने के लिए नहीं कहा था।

उन्होंने कहा कि उम्मीद करने से मतलब मानने या न मानने के विकल्प से जुड़ा होता है और राष्ट्रपति ने शायद यह माना होगा कि इसका मतलब बाध्यकारी आदेश नहीं है।

पीठ ने सज्जाद से अपनी दलीलें अनुच्छेद 248 के तहत पेश करने को कहा, जो राष्ट्रपति को मुक्ति प्रदान करता है।

सज्जाद ने कहा कि वह अनुच्छेद 248 के तहत अपनी दलील तभी पेश करेंगे, जब पीठ उनकी याचिका को विचारार्थ स्वीकार करने का फैसला करेगी। (एजेंसी)


First Published: Thursday, December 6, 2012, 23:41

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