Last Updated: Sunday, February 10, 2013, 18:05

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के कानून मंत्री फारुक नाइक ने कहा है कि स्विट्जरलैंड के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत देश के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले नहीं खोल सकते।
टेलीविजन समाचार चैनलों ने नाइक के हवाले से कहा कि स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने इस सप्ताह पाकिस्तान सरकार को भेजे एक पत्र में अपनी स्थिति बतायी है।
पाकिस्तानी सूचना मंत्री एवं जरदारी के नजदीकी सहयोगी कमर जमान कैरा ने कहा कि स्विट्जरलैंड के अधिकारियों के इस निर्णय ने पाकिस्तान सरकार की ओर से अपनाये गए रुख का समर्थन किया है।
पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दबाव में गत वर्ष नवम्बर में स्विट्जरलैंड के अधिकारियों को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने का आग्रह किया था। हालांकि पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया था कि मामलों को इस शर्त के साथ खोला जा सकता है कि राष्ट्रपति को संविधान और पाकिस्तानी एवं अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत छूट प्राप्त है।
भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर स्विट्जरलैंड के अधिकारियों से सम्पर्क करने को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच गतिरोध की कीमत पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को गत वर्ष अपना पद गंवाकर चुकानी पड़ी थी।
अदालत ने मामलों को दोबारा खोलने से इनकार करने के लिए उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी ठहराते हुए पद पर बने रहने को अयोग्य करार दिया था। गिलानी के उत्तराधिकारी राजा परवेज अशरफ गत वर्ष नवम्बर में उस समय अदालत के आदेश को क्रियान्वित करने को सहमत हुए जब सुप्रीम कोर्ट ने उन पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया।
सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी नीत सरकार पर जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को दोबारा खोलने के लिए दिसम्बर 2009 से ही दबाव बना रही है जब उसने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा जारी भ्रष्टाचार मामले से छूट को खारिज कर दिया।
राष्ट्रीय मेलमिलाप अध्यादेश से जरदारी और आठ हजार से अधिक अन्य लोगों को लाभ हुआ जो कि मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बीच हुए गुप्त समझौते में शामिल था। इसके लागू होते ही पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक कयूम ने स्विट्जरलैंड के अधिकारियों से कहा कि वे जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बंद कर दें। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 10, 2013, 18:05