Last Updated: Wednesday, December 7, 2011, 06:28
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीइस्लामाबाद/वाशिंगटन : मेमोगेट प्रकरण में संसद के संयुक्त सत्र में बयान देने से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी अचानक बीमार हो गए और इस समय वह दुबई के एक अस्पताल में चैकअप के लिए भर्ती हैं। जानकारी के अनुसार, जरदारी को हॉर्ट अटैक हुआ है।
चिकित्सकों के मुताबिक, जरदारी को एंजियोप्लास्टी से गुजरना पड़ सकता है। यह ऑपरेशन संभवत: आज किया जाएगा। अमेरिका की एक पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने यह दावा किया है कि खराब सेहत की वजह से जरदारी इस्तीफा भी दे सकते हैं।
पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को मंगलवार को अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद दुबई के एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्हें बुधवार को मेमोगेट प्रकरण पर संसद के संयुक्त सत्र में बयान देना था। जरदारी के प्रवक्ता ने मंगलवार को इस बात का खुलासा किया कि राष्ट्रपति दुबई अपने बच्चों से मिलने गए हैं। इस यात्रा के दौरान ही वो अपना मेडिकल चैकअप करवाएंगे।
एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी सरकार को इस बात की खबर लगी कि जरदारी को सोमवार रात मामूली सा हार्ट अटैक आया था। इसके अगले दिन तुरंत ही उन्हें हवाई एंबुलेंस से दुबई ले जाया गया। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि जरदारी का बुधवार को एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन किया जाए और खराब सेहत की वजह से इस्तीफा दे दें। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक, जरदारी दुबई जाने से पहले प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, चैयरमैन ऑफ सीनेट फारूख एच. नाइक और आंतरिक मंत्री रहमान मलिक से मिले थे।
जरदारी को लेकर ज्यादातर अटकलें ‘फॉरेन पॉलिसी’ की वेबसाइट पर आयी खबरों के कारण लगायी जा रही हैं। वेबसाइट ने अपनी खबर में लिखा है कि राष्ट्रपति मेमोगेट कांड के कारण अपने ऊपर बढ़ते दबाव की वजह से इस्तीफा दे देंगे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ‘फंदा कसता जा रहा है... यह सिर्फ समय की बात है।’ इसमें संकेत दिया गया है कि जरदारी को अपना पद छोड़ने के लिए शक्तिशाली सेना की ओर से भारी दबाव झेलना पड़ सकता है।
रिपोर्ट ने एटलांटिक काउंसिल में ‘साउथ एशिया सेंटर’ के निदेशक शूजा नवाज के हवाले से लिखा है, ‘जिस तरीके को चुना गया है वह एक आंतरिक बदलाव है।’ रिपोर्ट के अनुसार, नवाज ने कहा कि इस योजना में देखा जाएगा कि जरदारी की जगह उनकी पार्टी का ही कोई व्यक्ति लेगा। इस प्रकार लोकतांत्रिक सरकार का भ्रम भी बना रहेगा और सेना को जरदारी से छुटकारा भी मिल जाएगा।
नवाज ने कहा, ‘दुख की बात यह है कि सेना को इसके बावजूद शायद दोबारा बदलाव करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ेगा।’ उन्होंने द केबल को कहा, ‘अब अगर वे दूरी बना कर रखते हैं और पार्टी को अपना कामकाज करने देते हैं तो चीजें बेहतर हो सकती हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह शांत तख्तापलट होगा जिसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी मुखौटा रहेंगे।’
First Published: Thursday, December 8, 2011, 10:09