Last Updated: Tuesday, September 25, 2012, 20:02

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को खोलने के लिए पड़े भारी दबाव के बीच पाकिस्तानी सरकार ने स्विस सरकार को भेजे जाने वाले पत्र का मसौदा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सौंप दिया है।
अदालती अवमानना के मामले में प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के खिलाफ सुनवाई कर रही देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकार की ओर से मसौदे में बदलावों के लिए अधिक समय की मांग करने पर सुनवाई को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया।
आज की सुनवाई की शुरुआत में कानून मंत्री फारूक नाइक अदालत को पत्र का मसौदा सौंपा। यह पत्र साल 2007 में स्विस सरकार को भेजे गए पत्र के स्थान पर भेजा जाएगा। उस वक्त भी जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने का पत्र भेजा गया था। पत्र के मसौदे पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इसको लेकर कुछ तकनीकी आपत्तियां उठाईं।
न्यायाधीशों ने कार्यवाही रुकने पर नाइक को अपने चैंबर में बुलाया और पत्र के विवरण के बारे में बात की। फिर से अदालत की कार्यवाही शुरू होने पर नाइक ने आग्रह किया था कि पत्र के मसौदे में कुछ बदलाव के लिए समय चाहिए। इस पर अदालत ने सुनवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दिया। न्यायमूर्ति खोसा ने कहा कि यह बेहतर होता कि इस पत्र में 2007 के पत्र का पूरा हवाला दिया जाता। उस वक्त पत्र एटॉर्नी जनरल मलिक कयूम की ओर से लिखा गया था।
बीते 18 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई के समय प्रधानमंत्री अशरफ ने अदालत से कहा था कि उनकी सरकार स्विट्जरलैंड को पत्र भेजेगी। अशरफ ने कहा था कि यह स्विस सरकार को फैसला करना है कि जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोला जाए या नहीं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 25, 2012, 20:02