Last Updated: Thursday, August 30, 2012, 10:19

तेहरान : गुट निरपेक्ष आंदोलन देशों की शिखरवार्ता से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की गुरुवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात होगी। दोनों शीर्ष नेता 26/11 के मसले पर बातचीत कर सकते हैं। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को पाक आतंकी अजमल कसाब को सुनाई गयी मौत की सजा को बरकरार रखे जाने के फैसले के साथ ही कल यहां मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में भारत का पक्ष मजबूत हो गया है।
यहां गुट निरपेक्ष आंदोलन देशों की शिखरवार्ता से इतर मनमोहन सिंह और जरदारी मुलाकात करेंगे। इस्लामाबाद से जरदारी के पहुंचने के तत्काल बाद यह मुलाकात होगी। पाकिस्तानी राष्ट्रपति अप्रैल में भारत आए थे, जिसके बाद दोनों नेताओं की होने वाली दूसरी भेंट के समय को लेकर उलझनों को सुलझा लिया गया है और वे भारतीय समयानुसार देर शाम सात बजे मुलाकात करेंगे।
बातचीत के एजेंडा में आतंकवाद उपर रहा है और मनमोहन सिंह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल माने जाने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर भारत की चिंता को रखेंगे। शिखरवार्ता के लिए विदेश मंत्री एसएम कृष्णा भी यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कसाब पर शीर्ष अदालत के फैसले की ओर तत्काल ध्यान आकषिर्त करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि पाकिस्तान इस बारे में ध्यान देने में कोताही नहीं बरतेगा।
कृष्णा ने कहा कि भारत में अपील के लिए सर्वोच्च अदालत उच्चतम न्यायालय है और जब यह कुछ कहती है तो वह कानून बन जाता है। भारतीय अधिकारियों ने संकेत दिया कि भारत ने उन्हीं साक्ष्यों के जरिये मुंबई हमलों में शामिल रहे कुछ लोगों को दोषी करार दिया है जो सबूत इस्लामाबाद को एक मुकदमे के सिलसिले में दिए गए थे।
पाकिस्तान द्वारा खुद को भी आतंकवाद के शिकार देश के तौर पर पेश करने के लिए मुंबई हमलों की तुलना समझौता ट्रेन विस्फोट से किये जाने की पृष्ठभूमि में भारत ने दोनों घटनाओं पर अंतर स्पष्ट किया है। भारत ने कहा है कि दोनों घटनाओं में बहुत अंतर था और इस्लामाबाद को इस बारे में स्पष्टता की जरूरत है।
भारत की ओर से 26/11 के हमले में केवल सरकार से इतर तत्वों की ही नहीं बल्कि आधिकारिक ढांचे के शामिल होने के भी पर्याप्त सबूत पेश किए जाने की बात पर जोर देते हुए अधिकारियों ने कहा कि जरदारी के साथ मुलाकात के दौरान सिंह आतंकवाद के मुद्दे को उठाएंगे जो देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है। अधिकारियों ने 26/11 के मामले में पाकिस्तान में मुकदमे की धीमी गति पर स्पष्ट रूप से अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान में जजों की अदला बदली होती रहती है और जेल में लोग अपने नेटवर्क चलाने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 30, 2012, 09:20