`जरदारी से वार्ता में `आतंकवाद` होगा केंद्र में`

`जरदारी से वार्ता में `आतंकवाद` होगा केंद्र में`

`जरदारी से वार्ता में `आतंकवाद` होगा केंद्र में` तेहरान : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बीच गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले भारत ने आज कहा कि वह आश्वस्त है कि पाकिस्तान 26/11 हमलों में एकमात्र जीवित बचे आतंकवादी आमिर अजमल कसाब की सजा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखने के फैसले पर ध्यान देना नहीं भूलेगा।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आतंकवाद को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने कहा कि भारत-पाक वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सारे मुद्दों पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद वार्ता में चर्चा का मुख्य केंद्र होगा। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट भारत में अपील करने वाली शीर्ष अदालत है और वह जब भी कोई घोषणा करता है तो वह कानून बन जाता है।’ विदेश मंत्री ने शीर्ष कोर्ट के फैसले के बारे में कहा जिसने 26/11 के मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब की मौत की सजा को बरकरार रखा है।

कृष्णा ने कहा, ‘मैं आश्वस्त हूं कि पाकिस्तान इसपर ध्यान देने में विफल नहीं होगा।’ इसके तुरंत बाद उन्होंने जोड़ा कि पाकिस्तानी न्यायपालिका भी सक्रिय है। कृष्णा यहां गुटनिरपेक्ष आंदोलन के मंत्रीय स्तरीय सम्मेलन के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने शिखर वार्ता से इतर गुरुवार शाम मनमोहन सिंह की जरदारी से होने वाली मुलाकात से पहले यह टिप्पणी की ।

शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और ईरान के साथ अहम द्विपक्षीय वार्ता की बैठकों के लिए सिंह मंगलवार को यहां चार दिनों की यात्रा पर पहुंचे। इस दौरान वह बांग्लादेश और नेपाल जैसे अन्य देशों के नेताओं के साथ भी वार्ता करेंगे। सरकारी सूत्रों ने कहा कि सिंह जरदारी के साथ आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे। जरदारी 16वें गुटनिरपेक्ष शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को यहां आ पहुंच रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 29, 2012, 17:17

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