Last Updated: Wednesday, December 28, 2011, 13:50
बीजिंग : चीन का कहना है कि वह भारत और जापान दोनों के साथ सक्रिय तौर पर रिश्ता बनाने को तैयार है, जबकि जापानी प्रधानमंत्री योशिहिको नोदा की भारत यात्रा को लेकर चीन की सरकारी मीडिया में चिंता जताई गई है।
भारत से पहले नोदा ने चीन का दो दिनों का आधिकारिक दौरा किया था। इस दौरान चीन-जापान संबंधों को लेकर कुछ मजबूत समझौतों पर सहमति बनी थी। नोदा जब जापान के लिए रवाना हुए तो चीन के एक अधिकारी ने सावधानीपूर्वक इसका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ले ने एक सवाल के जवाब में नोदा की यात्रा का स्वागत किया।
चीन के सरकारी अखबार में बुधवार को प्रकाशित लेख में सुरक्षा विशेषज्ञों ने लिखा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तथा भारत के साथ संबंधों को बढ़ावा देकर जापान चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहा है। ‘चाइनीज अकादमी ऑफ सोशल साइंसेज’ में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ जापानीज स्टडीज’ के ‘डिपार्टमेंट ऑफ जापनीज डिप्लोमेसी’ के निदेशक लू याओडोंग का कहना है कि भारत-जापान सम्मेलन जापान के ‘आर्क ऑफ फ्रीडम एण्ड प्रॉस्पेरिटी’ रणनीति का हिस्सा है जिसे चीन के प्रभाव को कम करने के लिए तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है।
चीन की सरकारी मीडिया में मनमोहन सिंह और नोदा द्वारा परमाणु एवं अन्य समझौतों के अलावा दोनों देशों के बीच मुद्रा संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना जताई गई है। लू ने लिखा है, हाल के सालों में भारत और जापान के अपने क्षेत्रीय संबंधों को बहुत विस्तार दिया है, यह विस्तार केवल सुरक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी बढ़ा है।
जापान का सहयोग अब द्विपक्षीय से बढ़ कर बहुपक्षीय होता जा रहा है और जापान अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत को अपनी ‘आर्क ऑफ फ्रीडम एण्ड प्रॉस्पेरिटी’ रणनीति का हिस्सा बना रहा है। ‘आर्क ऑफ फ्रीडम एण्ड प्रॉस्पेरिटी’ रणनीति वर्ष 2007 में जापान के तत्कालीन विदेश मंत्री तारो असओ ने दी थी।
शोबी यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशियाई वर्तमान राजनीति के प्रोफेसर ताकेनोरी होरीमोतो का कहना है कि शीत युद्ध के समय गुटनिरपेक्षता से जुड़ने के बाद 1990 के दशक के उपरांत भारत और जापान के रिश्तों में नई जान आयी।
उनका कहना है कि शीत युद्ध के बाद नी दिल्ली की नई आर्थिक नीति के कारण भारत जापान के लिए एक विस्तृत बाजार बन गया।
उनके अनुसार, चीन की बढ़ती भूमिका के तहत पिछले पांच वर्षों में जापान और भारत ने अपने संबंधों को बहुत तेजी से मजबूत बनाया है और उनमें विस्तार किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 28, 2011, 19:20