Last Updated: Saturday, November 5, 2011, 02:47
कान: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी 20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद शनिवार को स्वदेश रवाना हो गए।
शिखर सम्मेलन में धन शोधन और आतंकवादियों को धन मुहैया होने पर रोक लगाने को लेकर कर पनाहगाह देशों से कर सूचना साझा करने के लिए नियमों को स्वीकार करने को कहा गया।
विश्व की 20 सर्वाधिक प्रभावी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख ने फ्रांस के तटीय रिसार्ट पर चर्चा की। यूनान जैसे यूरोजोन सदस्यों के चलते यूरोपीय संकट के गहराने के मद्देनजर यह चर्चा हुई। बुधवार को कान पहुंचे सिंह ने जी20 नेताओं से कहा कि यूरोजोन संकट वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए एक संभावित खतरा है। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि संकट का प्रबंधन करना यूरोपीय देशों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर जारी किए गए घोषणा पत्र में यह चेतावनी भी दी गई कि कर धोखाधड़ी में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहयोग नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घोषणा पत्र में राष्ट्रों का आह्वान किया गया है कि वे कर चोरी रोकने ,आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन के खिलाफ कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करें।
सिंह ने घोषणापत्र की सरहाना करते हुए कहा कि इसमें बैंकिंग पारदर्शिता और कर धोखाधड़ी एवं कर चोरी तथा अन्य अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकने के लिए सूचनाओं के आदान प्रदान करने की भारत की मांग को स्वीकार कर लिया गया।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 5, 2011, 08:57