जी-20 में सीरिया पर गहमागहमी तेज, वैश्विक नेता जमा हुए

जी-20 में सीरिया पर गहमागहमी तेज, वैश्विक नेता जमा हुए

जी-20 में सीरिया पर गहमागहमी तेज, वैश्विक नेता जमा हुएसेंट पीटर्सबर्ग/वाशिंगटन : सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिकी सीनेट की एक प्रमुख समिति की ओर से मंजूरी दिए जाने के बीच दुनिया के प्रमुख देशों के नेता इस मामले पर चर्चा के लिए रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग में जमा हो गए हैं जहां जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचने से पहले ही यहां माहौल तनावपूर्ण बन गया था। ओबामा सीरिया पर सैन्य कार्रवाई करने की अपनी योजना के पक्ष में लामबंदी करने के मकसद से यहां पहुंचे हैं। स्थिति को थोड़ा अनुकूल बनाने के मकसद से पेंटागन ने अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगेल की उस टिप्पणी पर सफाई दी जिसमें उन्होंने कहा था कि सीरिया को रासायनिक हथियार रूस ने मुहैया कराए थे।

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी पर सीरियाई विद्रोहियों के साथ अलकायदा के गठजोड़ के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए ओबामा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई नेता सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचे हैं। सीरिया का मुद्दा आधिकारिक तौर पर जी-20 के एजेंडे में शामिल नहीं है, लेकिन वैश्विक नेताओं के इस पर चर्चा करने की पूरी पूरी संभावना है।

अमेरिका का आरोप है कि सीरिया के असद शासन की ओर से बीते 21 अगस्त को किए गए रासायनिक हमले में 400 बच्चों सहित कम से कम 1,429 लोगों की मौत हो गई। सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इंकार किया है। सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूप शिरकत कर रहे हैं। पुतिन ने पहले ही आगाह किया है कि संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई ‘आक्रमण’ होगी। परंतु ओबामा ने कहा है कि सीरिया के मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विश्वसनीयता दांव पर लगी है।

इस मामले के शांतिपूर्ण निवारण से जुड़े संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून के प्रयासों में मदद के मकसद से सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र-अरब लीग के विशेष दूत लखदर ब्राहिमी भी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने घोषणा की है कि सीरिया के संयुक्त विशेष प्रतिनिधि लखदर ब्राहिमी रूस रवाना हो चुके हैं।’ उधर, अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति में दो दिन तक चली चर्चा के बाद सीरिया पर हमले की मंजूरी संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दिया। प्रस्ताव के पक्ष में 10 और विपक्ष में 7 मत पड़े।

युद्ध का यह प्रस्ताव अमेरिका को असद शासन की रासायनिक हथियारों की क्षमताओं को नष्ट करने के लक्ष्य के लिए 60 दिन का समय देता है लेकिन यह वहां जमीनी स्तर पर सैनिकों को उतारने पर रोक लगाता है। पूरी सीनेट अगले सप्ताह इस पर चर्चा कर मतदान कर सकती है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कर्नी ने कहा, ‘प्रस्ताव में सैन्य कार्रवाई के लिए दी गई अनुमति असद की रासायनिक हथियारों की क्षमता को नष्ट कर और भविष्य में इनके इस्तेमाल की संभावना को खत्म कर अमेरिका के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगी। हालांकि हमारी रणनीति वहां विपक्ष को मजबूत बनाकर सीरिया में राजनैतिक सत्ता हस्तांतरण को तीव्रता देना है।’ रूस और चीन भले ही संयुक्त राष्ट्र की इजाजत के बगैर सीरिया पर हमले का विरोध कर रहे हैं, लेकिन फ्रांस इस मामले पर अमेरिका के साथ खड़ा नजर आ रहा है।

फ्रांस ने कथित रासायनिक हमले को लेकर सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को ‘दंडित’ करने का आह्वान किया है। इसी सप्ताह उसने खुफिया रिपोर्ट जारी की जिसमें कथित रासायनिक हमले के लिए असद शासन को जिम्मेदार ठहराया गया है। ईरान ने कहा है कि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का बहाना बनाकर सीरिया के असद शासन के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। उसने कहा कि ‘आखिरी दम तक’ वह दमिश्क की मदद करेगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, September 5, 2013, 21:04

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