Last Updated: Monday, March 12, 2012, 14:11
वाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने पहली बार उत्तरी अटलांटिक सागर के नीचे रोबोट की मदद से संकलित 1300 चित्रों को मिलाकर टाइटेनिक जहाज के मलबे का विस्तृत नक्शा तैयार किया है।
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि नक्शे में समुद्र में 15 मील वर्ग में फैले टाइटेनिक का मलबा उसके हिस्से तथा खाने के बर्तन जैसे टूटे पदार्थ देखे जा सकते हैं जो 15 अप्रैल 1912 को डूबे आलीशान जहाज के बारे में अधिक सुराग दे सकते हैं। बर्फ की चट्टान से टकराने के बाद टाइटेनिक के डूबने से उसमें सवार 1500 से अधिक यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गये थे।
फालमाउथ के वुड्स होल आसेनोग्राफिक इंस्टीट्यूट में टाइटेनिक अभियान के सह-नेता डेविड गालो ने डिस्कवरी न्यूज को बताया कि यह पहला मौका है जब 1985 में टाइटेनिक को खोजे जाने के बाद उसके मलबे का नक्शा बनाया गया है। लेकिन यह अधूरा है। इसमें मलबे वाले इलाके के बिखरे टुकडों को दर्शाया गया है।
मलबे वाली जगह के व्यापक सर्वेक्षण का काम 2010 में एक परियोजना के तहत शुरू हुआ जिसका नेतृत्व आरएमएस टाइटेनिक इन्क. वुड्स होल आसेनोग्राफिक इंस्टीट्यूट और वेट्ट इंस्टीट्यूट आफ ला जोला केलीफोर्निया ने किया। बाद में नेशनल ओसेनोग्राफिक एण्ड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेसन (एनओएए) और हिस्ट्री चैनल ने उसमें सहयोग किया।
अभियान के दौरान तारपेडो के आकार के एयूवी (आटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल) ने उच्च क्षमता वाले साइड-स्कैन सोनार से व्यापक इलाके का सर्वेक्षण किया। टाइटेनिक साउथेम्पटन इंग्लैन्ड से न्यूयार्क के लिये अपनी पहली यात्रा के दौरान डूब गया था। डूबने से पहले रिकार्ड की गयी पहली जगह से करीब 13 मील दूर सितम्बर 1985 में उसके मलबे का पता लगा था।
नयी खोज से पता लगा है कि जहाज का अगला और पिछला हिस्सा एक दूसरे से 1970 फुट की दूरी पर थे। इसका प्रसारण इस हादसे के 100 वर्ष पूरा होने के अवसर पर 15 अप्रैल को हिस्ट्री चैनल में होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 12, 2012, 19:41