Last Updated: Saturday, December 10, 2011, 05:42
डरबन: पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने में विकसित देशों के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इस ज्वलंत मुद्दे से जुड़ी वार्ता में समता के सिद्धांत और उत्तरदायित्व मुख्य बिंदु हैं।
जयंती ने जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘समता जलवायु परिवर्तन पर होने वाली किसी भी वार्ता अथवा चर्चा का मुख्य बिंदु होना चाहिए। हम नहीं चाहते हैं कि ‘बराबरी एवं विभिन्नता संबंधी उत्तरदायित्व’ के सिद्धांत में किसी तरह की कमजोरी हो। इसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। बहस में समता की बात की प्रमुख होनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए एक बड़ी चिंता यह है कि बातचीत के विवरण में सीबीडीआर और समता के सिद्धांत का हवाला नहीं दिया गया है।’
जयंती ने कहा कि सीबीडीआर के सिद्धांत के मुताबिक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में सबसे ज्यादा योगदान विकसित देशों का रहा है और इसमें विकासशील देश तुलनात्मक दृष्टि से आज भी नीचे है।
जयंती ने कहा, ‘मैं यह जानकर परेशान हूं कि 14 साल पहले एक सम्मेलन में जिस कानूनी तौर पर बाध्यकारी प्रोटोकॉल को लेकर सहमति बनी थी, अब उसे बड़े ही अभिमानी तरीके से धूमिल किया जा रहा है।’
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि गरीबी सबसे बड़ी प्रदूषक है और विकास सबसे बड़ा मरहम है।
उन्होंने कहा, ‘मैं भारत से हूं और 1.2 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही हूं। हमारा रुख भले ही अलग हो, लेकिन उनकी भावनाएं हमारे साथ मजबूती के साथ जुड़ी हैं।’
जयंती के कड़े शब्दों का तालियों से स्वागत किया गया। जलवायु परिवर्तन सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में चल रहा है और यह शुक्रवार को संपन्न हो जाएगा।
(एजेंसी )
First Published: Saturday, December 10, 2011, 12:05