Last Updated: Thursday, September 22, 2011, 13:08
वॉशिंगटन : चीन और अमेरिका के बीच एक बार फिर ठन गई हैं. मुद्दा इस दफे ना तो पाकिस्तान है और ना ही भारत. दरअसल अमेरिका ने ताइवान को 5.85 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियार बेचने की घोषणा की है. चीन ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस फैसले से चीन-अमेरिका रक्षा संबंध प्रभावित हो सकते हैं. अमेरिका के इस फैसले में ताइवान के 145 एफ-16 विमानों का उन्नयन भी शामिल है.पूर्वी एशिया और पैसिफिक मामलों के लिए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री के कैंपबेल ने कहा कि हमारा मानना है कि हथियारों की बिक्री से ताइवान की हवाई सुरक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि इस पैकेज में ताइवान के 145 एफ-16 युद्धक विमानों का उन्नयन, रडार, हथियार, ढांचागत उन्नयन आदि शामिल हैं.उन्होंने कहा कि इसमें एफ-16 विमानों के पायलटों को अमेरिका के ल्यूक एयर फोर्स अड्डे पर दिए जा रहे प्रशिक्षण की अवधि में पांच साल का विस्तार और ताइवान के मौजूदा युद्धक विमानों के कल पुर्जे की आपूर्ति शामिल है.
First Published: Thursday, September 22, 2011, 18:38