Last Updated: Saturday, October 15, 2011, 16:27
थिंपू : भूटान में शाही शादी के दो दिन बाद नरेश जिग्मे खेसर नाग्याल वांगचुक और महारानी जेतसुन पेमा के सम्मान में शाही भूटान सेना ने पहली बार राजधानी आगमन पर औपचारिक स्वागत समारोह आयोजित किया। स्वागत समारोह में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी शामिल हुए।
सूर्य की किरणों ने जैसे ही इस छोटे से हिमालयी राष्ट्र को अपने आगोश में लिया, यह नवविवाहित जोड़ा हाथों में हाथ डालकर राज प्रासाद ताशिच्चोदजोंग गया जहां से राजपाट का कामकाज चलता है। इस दौरान करीब 100 लोग उनके साथ थे जिसमें लाल रंग का कपड़ा पहने बौद्ध भिक्षु और परंपरागत कलाकार भी शामिल थे। इस शाही जोड़े ने गुरुवार को यहां से 71 किलोमीटर की दूरी पर परंपरागत बौद्ध रीति रिवाज से पुनाखा किले में शादी की थी।
ताशिच्चोदजोंग पहुंचने पर शाही जोड़े का स्वागत राजा के पिता जिग्मे सिंगे वांगचुक और देश के मुख्य बौद्ध भिक्षु जे खेनपो ने किया। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। राजा और रानी पुनाखा से थिंपू के बीच 71 किलोमीटर की यात्रा कल पूरी करने के बावजूद तरोताजा और तनावमुक्त नजर आ रहे थे। इस यात्रा के दौरान हजारों लोगों ने सड़क पर कतारबद्ध होकर उन्हें बधाई दी। शाही जोड़े के मंच पर आने पर शाही भूटान सेना के करीब 50 सैनिकों ने मार्च किया और गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया एवं उन्हें राष्ट्रीय झंडा सौंपा जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
राजसी परंपरा के एक हिस्से का यह समारोह पारिवारिक और सरकारी मामला रहा। इस समारोह में अमेठी से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एकमात्र अतिथि रहे जिनके परिवार का भूटान के राजाओं के साथ बहुत मधुर संबंध रहा है। शाही परिवार का नेहरू-गांधी परिवार से नाता बहुत पुराना और नजदीकी रहा है। समारोह में राहुल गांधी के साथ और कोई नहीं बल्कि वर्तमान राजा के पिता मौजूद थे जो दोनों परिवारों के बीच नजदीकी संबंधों का प्रमाण है। वर्तमान राजा के पिता और राजीव गांधी बहुत करीबी मित्र थे। राहुल गांधी का मुख्य बौद्ध भिक्षु जे खेनपो से परिचय कराया गया और उन्हें मंच की तरफ ले जाया गया जहां शाही परिवार के सदस्य कुछ समय से उनका इंतजार कर रहे थे।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 16, 2011, 14:01