Last Updated: Friday, August 12, 2011, 05:23

ब्रिटेन के शहरों में पिछले पांच दिनों से जारी लूटपाट और दंगों में गुरुवार को कमी आई. पुलिस के तगड़े सुरक्षा बंदोबस्त के चलते जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई पड़ा. इस बीच, प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि पुलिस ने यह माना है कि वह दंगों की प्रकृति समझ नहीं पाई और इससे निपटने के लिए उसने जो रणनीतियां अपनाईं वह कारगर साबित नहीं हुईं.
डेविड कैमरन ने कहा कि हिंसा के लिए अब तक 1300 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
हाउस आफ कामंस को सम्बोधित करते हुए कैमरन ने हिंसा के दौरान कई शहरों में हुई क्षति की भरपाई के लिए एक करोड़ पाउंड के राहत पैकेज की घोषणा की.
उन्होंने यह बात मानी कि जब हिंसा फैली उस समय सड़कों पर पुलिस की तैनाती काफी कम थी और पुलिस ने दंगे रोकने के लिए जो रणनीति अपनाई उसने काम नहीं किया.
कैमरन ने कहा कि पुलिस यह मान चुकी है कि उसने दंगे रोकने के लिए गलत रणनीति अपनाई.
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि पुलिस एक नए तरीके की विचित्र चुनौती का सामना कर रही थी. अलग-अलग तरह के लोग एक ही समय में सभी स्थानों पर एक ही काम लूटपाट करने में लगे थे.
सूत्रों के मुताबिक मुताबिक बुधवार रात निगरानी दस्ते ने पुलिस के आदेशों का उल्लंघन किया और अधिकारियों के खिलाफ अपना गुस्सा उतारा.
दक्षिण-पूर्वी लंदन के इलथम में दंगा शांत कर रहे 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों पर बोतलों से हमला किया गया. दंगाइयों से निपटने के लिए देशभर में निगरानी दस्ते भी तैनात किए गए हैं.
पिछले चार अगस्त को पुलिस की गोलाबारी में मार्क डग्गन नाम के व्यक्ति के मारे जाने के बाद छह अगस्त को टॉटनहम में हिंसा शुरू हुई. इसके बाद हिंसा शीघ्र ही अन्य शहरों मैनचेस्टर, सैलफर्ड, लिवरपुल, नॉटिंघम, लीसेस्टर और बर्मिघम में फैल गई. इस दौरान दंगाइयों ने दुकानों में लूटपाट की और इमारतों में आग लगाई.
First Published: Friday, August 12, 2011, 10:53