Last Updated: Tuesday, June 18, 2013, 21:10
बीजिंग : चीन का कहना है कि दलाई लामा का तिब्बत के लिए बेहतर संप्रभुता की मांग करने का ‘मध्यमार्ग’ उनकी हिमालयी मातृभूमि के लिए आजादी का छिपा हुआ रूप है। चीन के एक सरकारी थिंक टैंक ने मंगलवार को यहां यह बात कही।
सिचुआन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर तिब्बतन स्टडीज में प्रोफेसर यांग मिंगहोंग ने कहा कि दलाई लामा का राजनीतिक सिद्धांत यह है कि वह अब तिब्बत के लिए ‘आजाद’’ की मांग पर जोर नहीं दे रहे, लेकिन साथ ही वह केन्द्र सरकार की जरूरतों पर भी ध्यान नहीं दे रहे और इसकी बजाय ‘बीच का रास्ता’ चाहते हैं।
यांग ने ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख में पिछले महीने धर्मशाला में हुई तिब्बतन यूथ कांग्रेस की 15वीं आमसभा की बैठक की आलोचना करते हुए कहा कि चीन की केन्द्रीय सरकार का मानना है कि दलाई लामा की मध्यमार्गी नीति अब भी तिब्बत के लिए ‘आजादी’ ही है, लेकिन ढके छिपे तरीके से। इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा सत्ता संभालने के बाद तिब्बत और दलाई लामा पर यह पहला सरकारी लेख है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 18, 2013, 21:10