Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 10:46
वाशिंगटन : अमेरिका में विदेश नीति के रसूखदार पत्रकारों में से एक फरीद जकारिया का मानना है कि पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 दिसंबर की रात सामूहिक बलात्कार और दरिंदगी की घटना के बाद पूरे भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शन वहां पर अरब जगत में बदलाव के लिए हुई क्रांति की तरह हैं।
जकारिया ने कहा कि यह, बदलाव की खातिर भारत की अरब क्रांति है। लेकिन वास्तविक सुधार और परिवर्तन के लिए इसे बनाए रखने की जरूरत है। अगर भारतीय नेता अपने देश में महत्वपूर्ण बदलाव की जरूरत महसूस करते हैं तब ही यह भारतीय क्रांति अरब क्रांति से बेहतर साबित होगी। मुंबई में जन्मे 48 वर्षीय जकारिया को भारत सरकार ने 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
वह टाइम पत्रिका के संपादक हैं और सीएनएन चैनल पर ‘फरीद जकारिया जीपीएस’ के प्रस्तोता भी हैं। रविवार के लोकप्रिय ‘टाक शो’ के हालिया संस्करण में और सोमवार को सीएनएन में भी जकारिया ने कहा कि भारत में दंड से मुक्ति देने की एक संस्कृति है। उन्होंने कहा कि इस साल दिल्ली में बलात्कार के 600 मामलों की खबरें आईं लेकिन केवल एक मामले में ही सजा हुई।
यही कारण है कि निरंतर विरोध प्रदर्शन जारी है क्योंकि उम्मीद की रोशनी बहुत ही मद्धम है। लोग सचमुच व्यथित हैं। भारत के मध्यम वर्ग में आई जागृति ने शक्तिशाली नागरिक समाज को सक्रिय किया है। इसकी अब एक मांग बेहतर सरकार की भी है। एक साल पहले इसने भ्रष्टाचार को लेकर यही किया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 10:46