Last Updated: Wednesday, June 5, 2013, 20:51
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसीइस्लामाबाद : पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट में सत्ता से बेदखल किए जाने के करीब 14 साल बाद आज पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। तीसरी बार प्रधानमंत्री बने शरीफ ने देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का संकल्प लेते हुए अमेरिकी ड्रोन हमलों पर विराम लगाने का आह्वान किया है।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आज राष्ट्रपति निवास में एक समारोह में 63 साल के शरीफ को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। इससे पहले उन्हें नेशनल एसेंबली में औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री चुना गया। शरीफ ने पाकिस्तान के 27वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। प्रधानमंत्री के तौर पर यह उनकी तीसरी पारी है।
इससे पहले 1990-1993 और 1997-1999 तक प्रधानमंत्री रहे। दूसरे कार्यकाल के दौरान परवेज मुशर्रफ की अगुवाई वाले सैन्य तख्तापलट में उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था।
निर्वाचन के बाद नेशनल एसेंबली में दिए संबोधन में शरीफ ने कहा, आर्थिक स्थिति खराब है और मैं जन्नत की खूबसूरत तस्वीरें नहीं पेश करूंगा। शरीफ ने कहा कि वह और उनके साथियों ने पाकिस्तान की समस्याओं को दूर करने के लिए एक कार्य योजना बनाई है और वह जल्द ही उन कदमों के बारे में लोगों को बताएंगे, जो सरकार उठाना चाहती है। भारत के साथ संबंधों सहित विदेश नीति के मुद्दों का शरीफ के भाषण में उल्लेख नहीं था, हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कबायली इलाके में अमेरिकी ड्रोन हमले रूकने चाहिए।
शरीफ 342 सदस्यीय नेशनल एसेंबली में 244 मत हासिल करके प्रधानमंत्री के तौर पर औपचारिक रूप से निर्वाचित हुए। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के मखदूम अमीन फहीम को 42 मत मिले, जबकि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता जावेद हाशमी को 31 मतों से संतोष करना पड़ा। शपथ ग्रहण समारोह में पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेताओं के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राजा परवेज अशरफ, पूर्व मंत्री, सांसद, नौकरशाह एवं राजनयिक मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने गर्मजोशी के साथ शरीफ से हाथ मिलाया। शरीफ ने काले रंग की शेरवानी पहन रखी थी। दस मौके पर प्रधानमंत्री की बेटी मरियम नवाज के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज और बेटी मरियम पहली कतार में बैठी हुई थीं और कुछ दूरी पर ही जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी मौजूद थीं।
जनरल अशफाक परवेज कयानी एवं ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ कमिटी के प्रमुख जनरल खालिद वाइने सहित सेना के तीनों अंगों के प्रमुख भी पहली कतार में मौजूद थे। अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मीर हजार खान खोसो और उनके साथी तथा भारतीय उच्चायुक्त शरत सबरवाल भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
शरीफ के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार सत्ता के लोकतांत्रिक हस्तांतरण की प्रक्रिया संपन्न हुई। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री ने देश के कबायली इलाके में अलकायदा एवं तालिबान के पनाहगाहों को निशाना बनाकर किए जाने वाले अमेरिकी ड्रोन हमलों को बंद करने का आह्वान किया।
शरीफ ने सांसदों से कहा, हम दूसरों की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और उन्हें भी हमारी संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। यह अभियान अब खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों, राजनीतिक पार्टियों और सभी दूसरे पक्षों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ आना होगा।
शरीफ ने कहा, मैं सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से बात करूंगा। आइए साथ बैठते हैं और अगर आप अपना नजरिया साझा करते हैं तो हम भी अपना नजरिया साझा करने को तैयार हैं। साथ बैठिए और और देश को परेशानियों से बाहर निकालने के लिए एक साझा एजेंडा बनाइए। पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था की खराब हालत के साथ बिजली कटौती की समस्या भी गंभीर है। देश के ज्यादातर हिस्सों में 12 से 20 घंटों तक बिजली की कटौती होती है।
उन्होंने लोगों को सचेत किया कि उन्हें ऐसे वादों को लेकर उम्मीद नहीं करनी चाहिए जो वास्तविक नहीं हैं। शरीफ ने वादा किया कि वह आराम से नहीं बैठेंगे और अपनी टीम को भी आराम से नहीं बैठने देंगे। पीएमएल-एन ने ‘रोशन पाकिस्तान’ नामक योजना पेश की है, जिसमें आर्थिक और व्यापारी गतिविधियों को बढ़ावा देने से संबंधित कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा, हम किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और हमारे शासन में पूरी जवाबदेही होगी।
प्रधानमंत्री के निर्वाचन और शपथ ग्रहण समारोह के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस्लामाबाद के मध्य में ‘रेड जोन’ और उसके आसपास के इलाकों में सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। इसी इलाके में पाकिस्तानी संसद और राष्ट्रपति निवास मौजूद है। इस इलाके की हवाई निगरानी के लिए हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया था।
शरीफ ने कहा कि राष्ट्रीय इकाइयों और निगमों को चलाने के लिए उम्मीदवार तलाशने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन दिए जाएंगे तथा इनकी नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जाएगी।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमएल-एन युवाओं के बीच निराशा, भ्रष्टाचार, चरमपंथ और अराजकता तथा दुनिया में पाकिस्तान की खराब छवि सहित सभी समस्याओं से निपटने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करेगी और सुशासन पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दूसरे देशों की चिंताओं को भी दूर करेगा, लेकिन उन्हें भी पाकिस्तान की संप्रभुता और चिंताओं का सम्मान करना होगा। शरीफ ने ग्वादर बंदरगाह का प्रबंधन चीन के सुपुर्द करने के पीपीपी सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शरीफ ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और दूसरे आतंकी संगठनों का मुकाबला करने के बारे में अपनी सरकार की योजना के बारे में कुछ नहीं बताया। पिछले सप्ताह के दौरान शरीफ ने कई बार आतंकवादियों के साथ शांति वार्ता की की बात कही है।
शरीफ का जन्म 35 दिसंबर, 1949 में लाहौर के कारोबारी परिवार में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों से शुरुआती तालीम हासिल की। पिता के इस्पात के कारोबार में लगने से पहले उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। बाद में वह सियात से मैदान में उतर गए। साल 1981 में वह पंजाब के वित्त मंत्री बने और उसके बाद 1985 में इसी प्रांत के मुख्यमंत्री भी बने। साल 1990 में वह पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और 1993 में इस पद पर आसीन रहे। दूसरी बार वह 17 फरवरी, 1997 को प्रधानमंत्री बने और 12 अक्तूबर, 1999 को सैन्य तख्तापलट में वह सत्ता से बेदखल कर दिए गए। मई, 1998 में उनकी ही सरकार ने भारत के जवाब में परमाणु परीक्षण किया था।
First Published: Wednesday, June 5, 2013, 14:57