नाटो की आपूर्ति पर जल्द समझौता होने की उम्मीद

नाटो की आपूर्ति पर जल्द समझौता होने की उम्मीद

न्यूयार्क : अमेरिका और पाकिस्तान के अधिकारियों ने अफगानिस्तान में मौजूद नाटो बलों के लिए आपूर्ति लाइनें फिर से खोलने के बारे में जल्द समझौता होने की उम्मीद जताई है।

यह आपूर्ति लाइनें पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में अफगान सीमा के समीप अमेरिका के एक हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद बंद कर दी थीं।

अमेरिका के उप विदेश मंत्री थॉमस नाइदेस ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ बातचीत की। उनकी यह बातचीत अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों के लिए सात माह से बंद पड़ी आपूर्ति लाइनें फिर से खोले जाने के बारे में थीं।

दोनों देशों के अधिकारियों ने जहां बातचीत का ब्यौरा देने से मना कर दिया वहीं न्यूयार्क टाइम्स ने एक अमेरिकी अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया ‘थोड़ी सकारात्मक।’ एक वरिष्ठ पाकिस्तानी समकक्ष ने कहा ‘सब कुछ ठीक ठाक हो।’ अफगानिस्तान में नाटो बलों के अमेरिकी कमांडर जनरल जॉन एलेन ने पिछले सप्ताह इसी विषय पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से मुलाकात की थी।

सप्ताह के अंत में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को फोन पर बधाई दी और आपूर्ति लाइनों को फिर से खोले जाने का मुद्दा उठाया।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कल वॉशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, हम आपूर्ति मार्ग फिर से खोले जाने पर बातचीत लगातार कर रहे हैं और जब तक हमें समाधान नहीं मिल जाएगा, तब तक बातचीत जारी रहेगी। नवंबर में हुए हवाई हमले के बाद दोनों देश गतिरोध दूर करने की कोशिश में हैं। पाकिस्तान ने कराची बंदरगाह से अफगानिस्तान के लिए अपने भूभाग से हो कर जाने वाले प्रत्येक ट्रक के एवज में 5,000 डॉलर दिए जाने की मांग की है।

नवंबर में हुए हमले से पहले तक नाटो ने 250 डॉलर प्रति ट्रक का भुगतान किया था। बाद में पाकिस्तान ने अपनी मांग में लचीलापन लाते हुए 3,000 डॉलर प्रति ट्रक मांगे जबकि अमेरिका ने प्रति वाहन 1,000 डॉलर देने की पेशकश की।

न्यूयार्क टाइम्स की खबर में कहा गया है कि अमेरिका कराची बंदरगाह की मरम्मत और सीमाई क्षेत्र की सड़कों में सुधार के लिए भुगतान करने को राजी हो गया है लेकिन उसने पाकिस्तान का, मार्ग में अमेरिकी मालवाहकों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति से छूट दिए जाने का आग्रह खारिज कर दिया। बातचीत में सबसे बड़ी बाधा पाकिस्तान की नवंबर में हुए हवाई हमले के लिए अमेरिका से औपचारिक माफी की मांग है।

खबर के अनुसार, विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि सावधानी से शब्दों का चयन किया जाए तो माफी भले ही संभव न हो, लेकिन गतिरोध दूर किया जा सकता है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 3, 2012, 15:21

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