निराशावाद के समक्ष घुटने न टेंके : पोप फ्रांसिस

निराशावाद के समक्ष घुटने न टेकें : पोप फ्रांसिस

निराशावाद के समक्ष घुटने न टेकें : पोप फ्रांसिसवेटिकन सिटी : नव-निर्वाचित पोप फ्रांसिस ने शुक्रवार को संकटग्रस्त कैथेलिक गिरजाघर से कहा कि वह ‘निराशावाद’ के समक्ष घुटने न टेके और ‘दुनिया के अंतिम छोर तक’ आस्था को फैलाने के नए तरीके खोजे।

कार्यभार संभालने के तीसरे दिन अर्जेंटीना निवासी 76 वर्षीय पोप ने दुनिया के सभी कार्डिनल के समक्ष कहा, ‘निराशावाद और शैतान की ओर से हर रोज हमारे सामने पैदा की जा रही कड़वाहटों के सामने घुटने न टेकें।’

दुनिया के कई हिस्सों में उपासकों (कैथोलिक ईसाईयों) की घटती संख्या का हवाला देते हुए उन्होंने कार्डिनल से कहा कि वे संरक्षण का साहस जुटाएं और आस्था को दुनिया के अंतिम छोर तक फैलाने के नए तरीके खोजें।

फ्रांसिस ने कहा कि वह और सभी (कार्डिनल) बुजुर्ग हैं लेकिन बढ़ती उम्र ही बुद्धिमत्ता लेकर आती है।

पोप ने कहा,‘चलो इस बुद्धिमत्ता को युवा लोगों को बांटें, बिल्कुल पुरानी वाइन की तरह जिसका स्वाद बढ़ते वक्त से साथ बेहतर होता जाता है।’

इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप ने अपने पूर्ववर्ती 16वें पोप बेनेडिक्ट के इस्तीफे की प्रशंसा करते हुए उसे ‘साहसी और विनीत कदम’ बताया। (एजेंसी)

First Published: Friday, March 15, 2013, 20:26

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