Last Updated: Sunday, April 7, 2013, 18:07
काठमांडो : नेपाल में मुख्य न्यायधीश की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार के विरोध में राजनीतिक पार्टियों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी बंद के कारण पूरे देश में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। देश की 33 राजनीतिक पार्टियों के समूह द्वारा बुलाए गए इस बंद के कारण राजधानी सहित विभिन्न प्रमुख शहरों की सड़कों से वाहन नदारद रहें और यहां के शैक्षणिक संस्थान, बाजार और ज्यादातर कारखाने बंद रहे।
विपक्षी पार्टियां मुख्य न्यायधीश खिल राज रेगमी नीत सरकार को भंग कर देश में नए चुनाव कराने के लिए किसी राजनेता के नेतृत्व में सरकार का गठन करने की मांग कर रही हैं।
नेपाल की एकीकृत कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) यूसीपीएन-एम से अलग हुए धड़े नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएन-एम) के अध्यक्ष मोहन वैद्य ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे संविधान सभा के लिए होने वाले अगामी चुनाव नहीं होने देंगे।
विरोधी समूहों ने कहा कि वे रेगमी नीत अंतरिम सरकार द्वारा कराए जाने वाले इन चुनावों में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने समस्या के समाधान के लिए सरकार के साथ वार्ता के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। उनका कहना है कि वे उन्हीं चार प्रमुख पार्टियों के साथ बातचीत करेंगे, जिन्होंने देश में चुनाव कराने के लिए मुख्य न्यायाधिश की अगुवाई वाली सरकार का गठन किया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 7, 2013, 18:07