न्यूयार्क में मनमोहन सिंह-नवाज शरीफ के बीच मुलाकात जारी

न्यूयार्क में मनमोहन सिंह-नवाज शरीफ के बीच मुलाकात जारी

न्यूयार्क में मनमोहन सिंह-नवाज शरीफ के बीच मुलाकात जारीज़ी मीडिया/एजेंसी
न्यूयार्क/नई दिल्ली : पाकिस्तान में उभरते आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका से समर्थन हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ न्यूयार्क में मुलाकात जारी है। दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

हालांकि जम्मू के निकट गुरुवार को हुए आतंकी हमले की स्याह पृष्ठभूमि में होने जा रही इस उच्च स्तरीय बैठक में कुछ ठोस निकल कर आने की उम्मीद कम है। मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी बातचीत के बाद मीडिया ब्रीफिंग में इस बैठक को भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय आतंकवाद के मुद्दे से जोड़ा था।

प्रधानमंत्री सिंह यह स्पष्ट कर चुके हैं कि द्विपक्षीय वार्तालाप में प्रगति इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। सिंह शरीफ से इस साल जून में सत्ता संभालने के बाद उनसे पहली बार आमने सामने की मुलाकात करने जा रहे हैं। उम्मीद है कि मुलाकात के दौरान दोनों नेता संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में मौजूद मुश्किलात को समाप्त करने के तरीकों और द्विपक्षीय संबंधों पर बात करेंगे। शरीफ भारत के साथ संबंधों को सुधारने के प्रति वचनबद्ध हैं और वह एक नई शुरुआत के लिए सिंह के साथ मुलाकात को लेकर आशान्वित हैं। वह भारत के साथ ठोस और सार्थक बातचीत फिर शुरू करना चाहते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता प्रक्रिया इस साल जनवरी में पटरी से उतर गई थी, जब नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक का सिर कलम कर दिया गया था। संबंधों में खटास पिछले महीने और बढ़ गई, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के इर्द गिर्द पांच और भारतीय सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। जम्मू के नजदीक हुए आतंकी हमले से, जिसमें 10 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर सुरक्षाकर्मी थे, न्यूयार्क में दोनो देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच होने वाली बातचीत खतरे में पड़ती दिखाई दे रही थी और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री से शरीफ के साथ अपनी बैठक रद्द करने की मांग की थी। लेकिन सिंह ने इस बैठक के निर्धारित कार्यक्रम पर आगे बढ़ने का फैसला किया। उनका कहना था कि इस तरह के हमले वार्ता प्रक्रिया को पटरी से उतारने में सफल नहीं होंगे।

पाकिस्तान न्यूयार्क की बैठक पर जोर देता रहा है और मनमोहन सिंह को कई बार पाकिस्तान आने का न्यौता दे चुका है, जो सिंह की मातृभूमि भी है। हालांकि भारत इस बात पर अड़ा है कि पाकिस्तान अपनी धरती से निकलने वाले आतंकवाद पर लगाम लगाए और 2008 में मुंबई पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून की जद में लाए। सिंह ने कल जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ‘आतंक का केन्द्रबिंदु’ बना हुआ है और शरीफ के साथ उनकी मुलाकात से उम्मीदें कम हो गई हैं।

ओबामा ने जम्मू कश्मीर के दोहरे हमले में लोगों के मारे जाने पर हमदर्दी जताई और सिंह को आश्वासन दिया कि वह 23 अक्तूबर को जब शरीफ से मिलेंगे तो इस बारे में उनसे स्पष्ट बातचीत करेंगे। सिंह ने कहा कि भारत कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है और पाकिस्तान में आतंक की जो पनाहगाहें हैं, उनसे कारगर ढंग से निपटना होगा और ऐसा करना सिर्फ सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि वार्ता की प्रगति के भविष्य के लिए भी जरूरी है।

सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी पक्ष ने लश्कर-ए-तैयबा द्वारा भारत और उसके साथ साथ पूरे क्षेत्र और विश्व के सामने पेश किए गए खतरे पर भारत की गंभीर चिंता को साझा किया। इससे पूर्व सिंह ने अमेरिकी पक्ष को बताया कि उपरोक्त आतंकी संगठन को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा के साथ पाकिस्तान में पंजाब सरकार से भारी वित्तीय समर्थन मिलता है।

कल की मुलाकात में भारतीय पक्ष यह देखेगा कि रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए मीठी मीठी बातें करने वाले पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री नियंत्रण रेखा और अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर संघषर्विराम के उल्लंघन, आतंकवाद के जारी रहने और 2008 के मुंबई हमले के षड़यंत्रकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर भारत की चिंता को दूर करने के लिए क्या पेशकश करते हैं।

First Published: Sunday, September 29, 2013, 09:30

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