पश्तो में बात कर रहे थे अपहरणकर्ता : अवैस शेख

पश्तो में बात कर रहे थे अपहरणकर्ता : अवैस शेख

लाहौर : पाकिस्तान की जेल में हुए हमले में मारे गए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के वकील अवैस शेख ने पुलिस को बताया है कि उनके और उनके बेटे का अपहरण करने वाले हथियारबंद लोग पश्तो में बात कर रहे थे। पुलिस के पास दर्ज प्राथमिकी के अनुसार शेख और उनके बेटे शाहरुख को लाल रंग के एक पिक-अप ट्रक और एक मोटरसाइकिल पर सवार चार से पांच लोगों ने कल सुबह रास्ते में रोक लिया। इसके बाद हथियारबंद लोगों ने उन्हें पकड़कर पिक-अप ट्रक में बैठा लिया।

शेख ने बताया कि जब वे अपहरणकर्ताओं के कब्जे में थे, तो उस दौरान उन लोगों ने उनसे या उनके बेटे से कोई बात नहीं की। अपहरणकर्ताओं के पास अत्याधुनिक हथियार थे। उन्होंने शेख को पीटने के बाद लाहौर से 40 किलोमीटर दूर शेखुपुरा सड़क पर फेंक दिया। अपहरणकर्ताओं ने शाहरुख को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और शेख को जिस स्थान पर पिक-अप ट्रक से बाहर फेंका गया था, उनके बेटे को उससे कई किलोमीटर दूर फेंका गया।

शेख ने पुलिस को बताया कि अपहरणकर्ताओं ने ‘सलवार-कमीज’ पहनी हुई थी और पश्तो पर उनकी अच्छी पकड़ थी। उन्होंने उर्दू में भी बात की। शेख ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे या मेरे बेटे से बात नहीं की।’ उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें अपहरण के पीछे किसी खुफिया एजेंसी या किसी अन्य के शामिल होने का संदेह नहीं है। शेख के सिर में चोट लगी है। उनके सिर में छह टांके लगाए गए हैं। पुलिस ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 365 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

शेख और उनके पुत्र का उस समय अपहरण किया गया था जब वे फार्महाउस के लिए जमीन खरीदने के मकसद से बुरकी हुदायरा इलाके के एक गांव में गए थे। शेख सरबजीत के वकील थे। सरबजीत का यहां कोट लखपत जेल में साथी कैदियों के हमले में बुरी तरह घायल होने के बाद करीब एक सप्ताह तक कोमा में रहने के बाद दो मई को निधन हो गया था। शेख ने हाल ही में कहा था कि उन्हें सरबजीत की पैरवी करने के लिए धमकियां मिल रही थीं जिन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1990 में बम हमलों के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर मौत की सजा सुनायी गयी थी। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 17, 2013, 21:06

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